बैठक के दौरान, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी और प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-एआईबीपी से संबंधित राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए पर्यावरण/वन संबंधी लंबित मुद्दों पर चर्चा की गई।
इसके बाद, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुरोध किया कि गंगा और इसकी प्रमुख सहायक नदियों के लिए प्रदूषण निगरानी प्रणाली को मजबूती प्रदान की जाए, जिसमें प्रदूषणकारी उद्योगों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के साथ समन्वय करके पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने पर बल दिया और इस पर सहमति बनी कि उपयुक्त तंत्र विकसित किया जाएगा।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, श्री प्रकाश जावडेकर ने दोनों मंत्रालय के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए राष्ट्रीय महत्व की नदी परियोजनाओं के लिए क्रमबद्धता और शीघ्रता के साथ काम करें और गंगा व इसकी प्रमुख सहायक नदियों की जल गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए संस्थागत तंत्र की स्थापना करें। बैठक के दौरान, श्री जावडेकर ने यह भी बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट की तर्ज पर गैंगेटिक डॉल्फिन के संरक्षण के लिए एक विशेष कार्यक्रम को मंजूरी प्रदान की गई है।