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1/6 आत्मनिर्भर भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इस बड़े राहत पैकेज से भारत में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर चीजों के लिए खुद पर निर्भर हो जाए. इस हिसाब से अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है.
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2/6 किसान होंगे आत्मनिर्भर
कोरोनावायरस के बढ़ते संकट के इस दौर में सबसे बड़ी मार किसानों पर पड़ी है. इस हिसाब से आत्मनिर्भर भारत अभियान में तीन करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन दिया गया है. इसमें 3 महीने तक उन्हें लोन वापस करने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही इंटरेस्ट सब्वेंशन और तुरंत लोन चुकाने के इंसेंटिव के रूप में मिलने वाली सुविधा 31 मई 2020 तक बढ़ा दी गई है.
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3/6 आत्मनिर्भर किसान, समृद्ध भारत
आत्मनिर्भर भारत अभियान में मोदी सरकार ने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हाथ में अधिक पैसे पहुंचाने की कोशिश की है. सरकार ने बताया है कि मार्च और अप्रैल के बीच ₹86,600 करोड़ रुपये के 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र में दिए गए हैं.इसके साथ ही सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की रिफाइनेंसिंग के लिए नाबार्ड ने ₹29,500 करोड़ दिए हैं. इसके साथ ही राज्यों को रूरल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए ₹4200 करोड़ की मदद दी गई है.
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4/6 शहरी गरीब बनेंगे आत्मनिर्भर
भारत सरकार ने बताया है कि पिछले 2 महीने के दौरान प्रवासी मजदूर और शहरी गरीब लोगों के लिए कई उपाय किए गए हैं जिससे उन्हें कोरोना के बाद के दौर में जीने में आसानी हो. इसमें प्रवासी मजदूर के रहने के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के रकम के उपयोग की इजाजत दी गई है जिससे कि उनके लिए खाने और पानी की व्यवस्था की जा सके. केंद्र सरकार ने राज्यों को ₹11000 करोड़ दिए हैं जिससे कि वह स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड की मदद से इनके लिए काम कर सकें. अर्बन होमलेस सेंटर्स में रहने वाले लोगों के लिए दिन में तीन बार खाने की व्यवस्था की गई है. 12,000 सेल्फ हेल्प ग्रुप ने तीन करोड़ मास्क और सवा लाख लीटर सेनेटाइजर बनाए हैं. इसके माध्यम से भी शहरी गरीबों को काम उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है.
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5/6 मनरेगा में बढ़ा आवंटन
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन के इस दौर में बहुत से प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जा रहे हैं. उन्हें उनके घर पर ही काम मिल सके इसके लिए सरकार ने मनरेगा के माध्यम से बड़ी पहल की है. मोदी सरकार ने बताया है कि 13 मई तक मनरेगा में 14.62 करोड़ मानव दिवस काम बनाया गया है. इस तारीख तक वास्तव में मनरेगा पर खर्च ₹10,000 करोड़ हो चुका है. अब तक देश के 1.87 लाख ग्राम पंचायत में 2.33 करोड़ लोगों ने काम के लिए आवेदन किया था जिन्हें काम मिल गया है. पिछले साल की तुलना में इस साल मई में 50 फ़ीसदी तक ज्यादा लोगों ने मनरेगा में काम के लिए आवेदन किया है.
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6/6 नए लेबर कोड से मिलेगी मदद
केंद्र सरकार ने नया लेबर कोड लाकर श्रमिकों के हित में एक बड़ा काम किया है. सरकार ने कहा है कि नए लेबर कोड की वजह से पूरे देश में एक जैसी न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था करने में मदद मिल सकती है. इसके साथ ही सभी श्रमिकों को समय पर भुगतान कराने में भी मदद मिलने की उम्मीद है. इस समय न्यूनतम वेतन का फायदा सिर्फ 30 फ़ीसदी श्रमिक उठा पाते हैं. इसके साथ ही सभी मजदूरों को नियुक्ति के लिए अपॉइंटमेंट लेटर दिया जाएगा. इसके साथ ही हर इम्पलॉई का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य कर दिया जाएगा.