छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने बाल संप्रेक्षण गृहों की व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की

राजनांदगांव 13 मई 2020। छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश से विभिन्न मुद्दो पर चर्चा कर कार्यों की समीक्षा की।
चर्चा के दौरान कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में क्षमता के अनुसार हेण्डवास, सेनेटाईजर, साबुन उपलब्ध है। यहां निवासरत बच्चों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक एक घंटे के अंतराल में सेनेटाईजर का उपयोग किया जा रहा है। संस्था में प्रवेशित नये बच्चों के लिए एक पृथक से आईसोलेशन कक्ष बनाया गया है। ताकि कोरोना वायरस से रोकथाम किया जा सके। बाल देखरेख संस्थाओं में परिसर को सेनेटाईज करने के लिए दिन में 3 बार हार्पिक एवं फिनाईल से पोछा लगाया जा रहा है।
जिले में संचालित बालदेखरेख संस्थाओं द्वारा बच्चों के शयनकक्ष, मनोरंजन कक्ष, बैठक कक्ष एवं भोजन कक्ष में सामाजिक एवं भौतिक दूरी का गंभीरता से पालन किया जा रहा है। शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक), शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालिका), बालगृह बालिका में हाउसकीपर द्वारा प्रतिदिन शौचालय एवं स्नानागार की सफाई दिन में 3 बार किया जा रहा है।

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बाल देखरेख संस्थाओं में बाहर से आने-जाने वाले कर्मचारियों को नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए सेनेटाईजर का उपयोग करने के बाद ही संस्था में प्रवेश दिया जाता है। सभी कर्मचारियों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। बाल गृह संस्थाओं में कर्मचारी एवं क्षमता अनुरूप मास्क उपलब्ध है। जिसका उपयोग बच्चों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। इन संस्थाओं द्वारा सामाजिक और भौतिक दूरी बनाकर प्रतिदिन व्यायाम, अध्ययन, आर्टक्राफ्ट, म्युजिक एवं डॉस आदि गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मनोरंजन के लिए टीवी, लुडो, चाईनीज चेकर, कैरम, सांपसीढी, शतरंज, रस्सी, काउंटिंग आदि इंडोर गेम खेलाया जा रहा है। साथ ही बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके मानसिक विकास के लिए सामान्य ज्ञान आदि खेलों का आयोजन किया जा रहा है। सभी अधीक्षकों द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए बच्चों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण के माध्यम से सुझाव दिया जा रहा है।