मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है… कहने को ये सिर्फ दो पंक्तियां हैं, लेकिन हकीकत में जिदंगी का फलसफा. हौसलों और उड़ान की ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ की आईएएस अफसर (IAS Officer) प्रियंका शुक्ला की. वो प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla) जो एमबीबीएस डॉक्टर (MBBS Doctor) रह चुकीं हैं. वो प्रियंका शुक्ला जो न केवल कविताएं लिखतीं हैं, बल्कि डांस में भी पारंगत हैं. अच्छी सिंगर और पेंटर हैं. आइए जानते हैं कि आखिर किस पल ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदलकर रख दिया.
2009 में ली एमबीबीएस की डिग्री, इस वाकये ने बदल दी जिंदगी
प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla) ने साल 2009 में एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री ली थी. ये डिग्री उन्हें लखनऊ स्थित केजीएमयू से मिली. डिग्री मिलने के बाद प्रियंका लखनऊ में ही प्रैक्टिस करने लगीं. इसी दौरान वह लखनऊ में झुग्गी-झोपडियों में चेकअप करने के लिए गईं. उन्होंने देखा कि वहां एक महिला बच्चों को गंदा पानी पिला रही है. प्रियंका ने उस औरत से पूछा कि गंदा पानी क्यों पी रही हो. बस फिर क्या था, महिला ने तपाक से जवाब दिया, ‘तुम कोई कलेक्टर हो क्या?’
दिल में चुभ गई उस औरत की बात…फिर आईएएस बनने की ठानी
प्रियंका (Priyanka Shukla खुद कहतीं हैं कि उस दिन उस औरत के शब्द भीतर तक चुभ गए. उसी दिन से ठान लिया कि अब आईएएस (IAS) ही बनना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रियंका यूपीएससी (UPSC) की तैयारियों में जुट गईं. कमाल की बात है कि दूसरे ही प्रयास में उन्हें सफलता भी मिल गई.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिया पुरस्कार
प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla) सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं. सिर्फ ट्विटर पर उनके 70 हजार फॉलोअर हैं. उन्हें साक्षरता के क्षेत्र में अच्छे काम के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. प्रियंका को जनगणना 2011 के दौरान बेहतरीन काम के लिए सेंसस सिल्वर मेडल भी मिल चुका है. ये पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिया था.
कोरोना के खिलाफ जागरूकता की मशाल
आईएएस अफसर (IAS Officer) प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla) फिलहाल चीन के वुहान शहर से निकली जानलेवा महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का काम कर रहीं हैं. प्रियंका ने सोशल मीडिया के तहत ये काम करने का बीड़ा उठाया है.
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