रोका छेका अभियान किसानों के हित में रामबाण योजना है, यह बात सोशल मीडिया में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूरज निर्मलकर सहित अनेक सामाजिक मुखिया लोगों ने कही है श्री सूरज निर्मलकर के साथ अनेक सामाजिक प्रतिनिधियों ने कहा की किसान अपनी फसल को मवेशियों से बचाने के लिए चिंतित रहते थे, विशेषकर से सीमांत और लघु कृषक जो अपने खेत को फेंसिंग पोल से बांध नहीं सकते और ना ही चारदीवारी बना सकते।
सरकार के इस योजना से केवल फसल ही नुकसान से बचेगा ऐसा नहीं है बल्कि मवेशी भी सुरक्षित रहेंगे। साथ ही चरी चरागन के लिए उन्होंने नरवा गरवा घुरवा बारी को पहले ही अमलीजामा पहना दिया है। अगर हम सब मिलकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर छत्तीसगढ़ के हित में इस योजना का साथ दें तो निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी और छत्तीसगढ़ फिर से धान का कटोरा कहलाने लगेगा।
सामाजिक मुखिया लोगों ने कहा है छत्तीसगढ़ के प्रथम त्योहार हरेली से उन्होंने शुरुआत किया है छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान जगाने की जो कमरछठ, सावन झूला, सावन सोमवारी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, पोरा तीजा, पितर बैठकी, पितर खेदा, दशहरा, दिवाली, जेठवनी और होली मिलन और आगे के त्यौहार और योजना को कोरोना खा गया और केंद्र सरकार से आवश्यकता के अनुरूप राज्य को राशि नहीं मिलना अन्यथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी रामनवमी और जवारा विसर्जन को भी यादगार बनाते और छत्तीसगढ़ के हित में एक से बढ़कर एक योजना बनाते।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान बेटा और माटी पुत्र है इसलिए छत्तीसगढ़ के हित में एक से बढ़कर एक पारंपरिक समस्या को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं और सरकार के योजना में शामिल कर रहे हैं इससे बढ़कर छत्तीसगढ़ के हित में क्या बात हो सकती हैं यह हम लोगों के लिए समझने की बात है। संगठन ने इस योजना में सरकार को सहयोग देने के लिए सभी समाज के लोगों से अपील जारी की है जिसमें प्रमुख रुप से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूरज निर्मलकर के साथ युवा प्रदेश अध्यक्ष रघुनंदन साहू, महासचिव कुलेश्वर प्रसाद वर्मा, राजेंद्र वर्मा, धोबी समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोज निर्मलकर, पिछड़ा वर्ग संगठन गरियाबंद जिला के अध्यक्ष संतोष साहू, रोशन सिन्हा, छोटेलाल विश्वकर्मा, वीरेंद्र देवान्गन, राजकुमार सारथी, धोबी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र प्रादेशिक प्रवक्ता गंगा मना राम निर्मलकर जिलाध्यक्ष कमलेश रजक निर्मलकर, धोबी समाज के जिलाध्यक्ष अंबे बघमार, ललित कुमार बरेठ, रोशन कनौजिया, प्रवक्ता महेंद्र बरेठ, लोकेश रजक, कलार समाज के रुद्र सेन सिन्हा, चंद्रभूषण कुशवाहा, सोनकर समाज के अध्यक्ष शारदा प्रसाद सोनकर, देवान्गन समाज के अध्यक्ष चोवा राम देवांगन, आनंद देवान्गन आदि अनेक सदस्य शामिल हैं और अपने विचार रख रहे हैं।