जगदलपुर: आधुनिक कृषि तकनीक एवं विभागीय योजनाओं का लाभ ले रहे है किसान उपेन्द्र…

जगदलपुर, 22 दिसम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। जहां पर अधिकांश नागरिक कृषि से संबंधित कार्यो में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलग्न रहते है। कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जो हमारे लिए अधिकांश खाद्यान्न उत्पन्न करती है। खाद्यान्नों के अतिरिक्त यह विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल भी पैदा करती है। प्रदेश सरकार किसानों के हितों से संबंधित अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। जिससे किसानों को कृषि एक लाभ का व्यवसाय मानने लगे है।

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    बस्तर जिले के विकासखण्ड बकावण्ड के ग्राम पाहुरबेल के किसान उपेन्द्र द्वारा विगत 17 वर्षों से खेती की जा रही है, पूर्व में कृषक द्वारा केवल वर्षाधारित कृषि की जा रही थी, तत्पश्चात् कृषक ने कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर समय-समय पर दिए जा रहे सुझायों का पालन करते हुए आधुनिक कृषि कार्य प्रांरभ किया। कृषक उपेन्द्र द्वारा धान की कतार बोनी फसल लगाई जा रही है, जिससे कृषक को बीज, खाद, दवाई में कम लागत लगी एवं निराई-गुड़ाई में सुविधा हुई है। वर्ष 2016 में कृषक द्वारा विभागीय शाकम्भरी योजनान्तर्गत ट्यूबवेल करवाया गया एवं वर्ष 2018 में कृषि यंत्र रोटावेटर, एम.बी.प्लाऊ, केजव्हिल, बैटरी स्पेयर स्प्रिंकलर पाईप सब्सिडी से प्राप्त किया। इस प्रकार कृषक वर्तमान में प्रतिवर्ष धान, मक्का, उड़द एवं अरहर की फसल से प्रति एकड़ में एकड़ में एक लाख रूपए की राशि का लाभ ले रहा है।

इस प्रकार कृषक की आर्थिक स्तर में सुधार हो रही है एवं ग्राम के अन्य कृषक भी कृषक से प्रोत्साहित होते हुए विभागीय योजनाओं का लाभ लेते हुए आधुनिक खेती के प्रति जागरूक हो रहे है।

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी ’’गोधन न्याय योजना” कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में मददगार साबित हो रही है। गोबर बेचने से मिल रही आय से खेत के लिये आवश्यक उपकरण, बीज, खाद आदि की आपूर्ति कर लाभ कमा रहा है। इसी कड़ी में ग्राम पाहुरबेल के उपेन्द्र ने भी गोधन योजना का लाभ लिया है। उपेन्द्र पूर्व में अपनी दो गायों से प्राप्त गोबर का प्रयोग पारंपरिक कचरादान में डाल दिया करते थे और कुछ गोबर का उपयोग कंडे बनाने के लिये किया जाता था। वही अब उपेन्द्र के परिवार के सदस्य गोठान में गोबर विक्रय कर अतिरक्ति लाभ प्राप्त कर रहे है। वर्तमान में उपेन्द्र द्वारा 81 क्विंटल गोबर बेचकर 1620 रूपए की आय प्राप्त करते हुए कृषि कार्य में उक्त राशि का प्रयोग किया गया है।