डिजिटल इंडिया की बड़ी जीत : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ‘ई-संजीवनी’ टेली मेडिसिन सेवा ने दो लाख टेली-परामर्श पूरे किए…

स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के ‘ई-संजीवनी’ डिजिटल प्‍लेटफॉर्म ने दो लाख टेली-परामर्श पूरे कर लिए हैं।

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यह कीर्तिमान 9 अगस्‍त के बाद केवल 10 दिनों की छोटी अवधि में ही हासिल कर लिया गया है। 9 अगस्‍त को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 1.5 लाख टेली-परामर्श पूरे होने के उपलक्ष्‍य में आयोजित बैठक की अध्‍यक्षता की थी। इसे प्रधानमंत्री की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है। ‘ई-संजीवनी’ प्‍लेटफॉर्म ने कोविड महामारी के समय अपनी उपयोगिता, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों,  चिकित्‍सा समुदाय और चिकित्‍सा सेवाएं चाहने वालों के लिए आसान पहुंच सिद्ध कर दी है।

‘ई-संजीवनी’ प्‍लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेली मेडिसिन सेवाएं अर्थात डॉक्‍टर से डॉक्‍टर (ई-संजीवनी) और मरीज से डॉक्‍टर (ई-संजीवनी ओपीडी) टेली परामर्श को सक्षम बनाया है। ‘ई-संजीवनी’ को आयुष्‍मान भारत स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण केंद्र (एबी- एचडब्‍ल्‍यूसी) के तहत लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्‍य ‘हब एंड स्‍पोक’ मॉडल में पहचान किए गए मेडिकल कॉलेज अस्‍पतालों के साथ मिलकर सभी 1.5 लाख स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण केंद्रों में टेली परामर्श लागू करना है। राज्‍यों ने स्‍पोक्‍स अर्थात एसएचसी, पीएचसी और एचडब्‍ल्‍यूसी को टेली परामर्श सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्‍पतालों में समर्पित केंद्रों की पहचान और स्‍थापना की है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने अप्रैल,2020 में कोविड महामारी को देखते हुए रोगी से डाक्‍टर टेली मेडिसिन को सक्षम बनाने वाली दूसरी टेलीपरामर्श सेवा ‘ई-संजीवनी ओपीडी’ शुरू की। यह सेवा गैर-कोविड आवश्‍यक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के लिए भी लगातार प्रावधान करते हुए कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में वरदान साबित हुई। ‘ई-संजीवनी’ को अभी तक 23 राज्‍यों ने लागू किया है और अन्‍य राज्‍य इसे शुरू करने की प्रक्रिया में हैं।

इस प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से दी जा रही ई-स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का उपयोग करने वाले शीर्ष पांच राज्‍यों में तमिलनाडु (56,346), उत्‍तर प्रदेश (33,325),आंध्र प्रदेश (29,400), हिमाचल प्रदेश (26,535) और केरल (21,433) शामिल  हैं। आंध्र प्रदेश ने 25, 478 टेलीपरामर्शों के साथ सबसे अधिक एचडब्‍ल्‍यूसी मेडिकल कॉलेज विचार-विमर्श किया है जबकि तमिलनाडु ने 56,346 परामर्श के साथ ओपीडी सेवाओं में शीर्ष स्‍थान प्राप्‍त किया है।