ड्रोन विकास कार्यक्रम शुरू करने पर भारत और US की बातचीत:पेंटागन अधिकारी

वॉशिंगटन: अमेरिका (America) और भारत (India) साथ मिलकर ड्रोन विकास कार्यक्रम शुरू करने पर बातचीत कर रहे हैं, जो किसी वायुयान से उड़ाया जा सकता है. पेंटागन की एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अमेरिका-भारत व्यवसाय परिषद (USIBC) के द्वारा आयोजित भारत विचार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका के रक्षा मंत्रालय की एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी वायुसेना की शोध प्रयोगशालाओं ने मानवरहित हवाई वाहन (UAV) के विकास को लेकर एक भारतीय स्टार्टअप के साथ शोध व विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसे आसमान से ही छोड़ा जा सकता है.

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अमेरिका की उप रक्षा मंत्री (अधिग्रहण) एलेन एम लॉर्ड ने कहा, ‘‘मैं एक ऐसी रोमांचक परियोजना की जानकारी देना चाहूंगी, जिसके बारे में हम अभी बातचीत कर रहे हैं. UAV अमेरिकी वायुसेना की शोध प्रयोगशालाओं, भारतीय वायुसेना (IAF), भारत के रक्षा शोध एवं विकास संगठन (DRDO) और एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी के लिए साझा विकास कार्यक्रम होंगे.”

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अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार मुहिम (DTTI) के लिए पेंटागन की प्रतिनिधि लॉर्ड ने कहा कि 14 सितंबर के सप्ताह में DTTI की अगली समूह बैठक और इससे पहले वाले सप्ताह में DTTI औद्योगिक गठजोड़ फोरम की दूसरी बैठक आयोजित करने की योजना है. लॉर्ड को प्राय: अमेरिका के रक्षा विभाग के लिए मुख्य हथियार खरीदार के रूप में संबोधित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और भारत के रक्षा सहयोग ने शानदार प्रगति की है. इस सहयोग ने दोनों देशों की सरकारों के बीच करीबी संबंध बनाया है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बेहतर स्थिरता सुनिश्चित की है.

उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका की रक्षा बिक्री पिछले 10 वर्षों में तेजी से बढ़ी है और अमेरिका रक्षा समाधानों के मामले में भारत की पहली पसंद बनने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल DTTI में कई चीजें ऐसी हुईं, जो पहली बार हुईं. उन्होंने कहा कि साझा विकास की पहली परियोजना के समझौते पर बातचीत चल रही है. लॉर्ड ने कहा कि पहले औद्योगिक सहयोग फोरम का आयोजन किया जा चुका है. उन्होंने DTTI के साथ भागीदारी को लेकर औद्योगिक दिशा-निर्देश जारी किए जाने की भी घोषणा की.