दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा गोदग्राम कोनारी के शास. माध्यमिक विद्यालय में ग्रामीण जागरुकता अभियान के अंतर्गत मौलिक कर्तव्यों एवं गांधी जीवन दर्शन के प्रति जागरूकता के संबंध में समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. स्नेह कुमार मेश्राम द्वारा विस्तार पूर्वक विश्लेषण किया गया, जिसमें गांधीजी के जीवन आदर्श सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, व सत्याग्रह का विश्लेषण किया गया।
तथा संविधान में उल्लेखित 11 मौलिक कर्तव्यों यथाः संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गान का आदर करें, स्वतंत्रता के लिये राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोये रखें और उनका पालन करें, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें तथा उसे अक्षुण्ण रखें, देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें, भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा व प्रदेश या वर्ग आधारित सभी प्रकार के भेदभाव से परे हो,
ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं, हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें, प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्यजीव आते हैं, की रक्षा और संवर्द्धन करें तथा प्राणीमात्र के लिये दया भाव रखें, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें,
सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें, व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत् प्रयास करें जिससे राष्ट्र प्रगति की और निरंतर बढ़ते हुए उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को प्राप्त किया जा सके, छह से चैदह वर्ष की आयु के बीच के अपने बच्चे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना, से बच्चों को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र के उन्नति तथा सामाजिक उत्थान में अपनी भूमिका का निर्वहन सुचारू रूप से करने हेतु प्रेरित करना था। आयोजन में प्रधानाचार्य श्री के.एस. देवांगन तथा डॉ. रोहित कुमार वर्मा का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।