नई दिल्ली. कोरोना वायरस के बीच क्रिकेट ने वापसी कर ली है. इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच साउथैंप्टन में टेस्ट मैच चल रहा है. हालांकि एशियाई मुल्कों में अब तक क्रिकेट शुरू करने के बारे में कोई सोच नहीं रहा है. भारतीय उपमहाद्वीप के देशों में कोरोना वायरस के मरीज बढ़ते जा रहे हैं और इस वजह से यहां क्रिकेट शुरू करने की बात नहीं हो रही है. भारत और पाकिस्तान में तो कोरोना की वजह से लॉकडाउन नहीं है, लेकिन बांग्लादेश में इसने चौथे महीने में एंट्री कर ली है. बता दें बांग्लादेश (Bangladesh) में इस लॉकडाउन का साइड इफेक्ट वहां के हजारों पुरुष और महिला क्रिकेटर्स पर पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से अंपायर, कोच, स्कोरर हर कोई आर्थिक संकट में फंस गया है. रिपोर्ट के मुताबिक वहां खिलाड़ी पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं.
बांग्लादेश में बर्बाद हुए क्रिकेटर
बांग्लादेश (Bangladesh) में सबसे ज्यादा बुरा हाल महिला क्रिकेटर्स का है. वहां महिला क्रिकेट को हाल ही में बढ़ावा मिला है. महिला क्रिकेटर्स की सैलरी ज्यादा नहीं है लेकिन फिर भी इतना है कि वो अपने घर को चला सकें और परिवार भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें. लेकिन लॉकडाउन ने सब कुछ खत्म कर दिया. महिला खिलाड़ी, पुरुष खिलाड़ियों को बांग्लादेश बोर्ड की ओर से मदद तो मिली है लेकिन वो इतनी कम है कि अब अगर लॉकडाउन बढ़ा तो वो खिलाड़ी परिवार तक नहीं पाल सकेंगे.
बीसीबी ने कोरोना काल में क्या मदद की
बांग्लादेश (Bangladesh) क्रिकेट बोर्ड ने क्रिकेटर्स की आर्थिक सहायता करने की कोशिश तो की है लेकिन वो बहुत ही कम है. मार्च में ढाका प्रीमियर लीग में खेलने वाले लगभग 60 खिलाड़ियों को 30 हजार बांग्लादेशी टका का भुगतान किया गया, वहीं महिला क्रिकेटर्स की बात करें तो 2018-19 नेशनल क्रिकेट लीग में खेलने वाली खिलाड़ियों को 20 हजार बांग्लादेशी टका दिये गये. इसके बाद अप्रैल में किसी को कोई भुगतान नहीं हुआ और फिर मई में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने 1500 पुरुष और महिला लीग क्रिकेटर्स को 8 से 10 हजार बांग्लादेशी टका का भुगतान किया. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई, ईसीबी की तरह अमीर बोर्ड नहीं है, जिसके बैंक बैलेंस बहुत ज्यादा भरे हुए हों, इसीलिए बीसीबी भी असहाय ही है.
बांग्लादेश सरकार को करनी होगी मदद
बांग्लादेश (Bangladesh) के पूर्व डायरेक्टर अहमद सज्जादुल आलम बॉबी का मानना है कि ये लॉकडाउन अभी और बढ़ सकता है और बीसीबी शायद ही खिलाड़ियों की मदद कर पाएगा, ऐसे में अब वक्त आ गया है कि बांग्लादेश सरकार क्रिकेटर्स की मदद के लिए आगे आए. बांग्लादेश सरकार ने भी दूसरे व्यवसाय के लोगों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है लेकिन क्रिकेटर्स के लिए ऐसा कोई राहत पैकेज घोषित नहीं हुआ है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की आय भी नहीं हो रही है क्योंकि उसका श्रीलंका दौरा भी स्थगित हो गया है और अब टी20 वर्ल्ड कप 2020 का स्थगित होना भी तय ही है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड इन सीरीज और टूर्नामेंट्स के मीडिया अधिकार बेचकर कमाई कर सकती थी लेकिन अब ऐसा भी नहीं होगा. साफ है बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड बहुत बड़े आर्थिक संकट में है.
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