जिले में शिशुओं की सुरक्षा और कुपोषण दूर करने के लिए सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज शिशु संरक्षण माह के संबंध में आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में यह निर्देश दिया। शिशु संरक्षण माह का आयोजन आगामी 14 जुलाई से 14 अगस्त 2020 तक किया जाएगा।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से शिशु संरक्षण माह के संबंध में आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कुपोषण तभी जा सकता है जब टीकाकरण कार्यक्रम सही तरीके से किया जाए। कार्यक्रम के दौरान वैक्सीन की उपलब्धता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और ए.एन.एम. की अनिवार्य उपस्थिति सुनिष्चित करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि पूरे टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 की गाईड लाईन का भी पालन किया जाए। बच्चों में कुपोषण की जांच कर आवश्यकतानुसार पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कर पोषणयुक्त आहार दिया जाए। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को अब नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने एवं सामान्य रूप से आयोजित किए जाने वाले टीकाकरण को शुरू करने के भी निर्देष दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केन्द्रों में मंगलवार एवं शुक्रवार को सवेरे 9 बजे से शाम 4 बजे तक शिशु स्वास्थ्य संवर्धन से संबंधित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। यह अभियान 14 जुलाई से 14 अगस्त 2020 तक आयोजित किया जाएगा। शिशु संरक्षण माह में 9 माह आयु से लेकर 5 वर्ष आयु के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी और टीकाकरण किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की माताओं को आयरन फोलिक एसिड की दवाओं का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को भी आयरन फोलिक एसिड टेबलेट या सिरप दिया जाएगा। वहीं गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र और आंगनबाड़ी केन्द्रों को टीकाकरण केन्द्र बनाया जाएगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, महिला बाल विकास अधिकारी के अलावा अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।