भारतीय संगठन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों हेतु संयुक्त राष्ट्र से जीता पुरस्कार…

भारतीय संगठन ने पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूर दराज के समुदायों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने वाले कोविड-19 महामारी के बीच भी जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने हेतु संयुक्त राष्ट्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है. ग्लोबल हिमालयन एक्सपेडिशन (जीएचई) 2020 के यूएन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवार्ड के विजेताओं में शामिल है.

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जीएचई सुदूर समुदायों तक सौर ऊर्जा लाने के लिए पर्यटन और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला संगठन है. इस वर्ष के यूनाइटेड नेशन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवॉर्ड की घोषणा 27 अक्टूबर 2020 को की गई जिसने दुनिया में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हो रहे बेहतरीन कार्य के प्रति ध्यान आकर्षित किया.

ग्लोबल हिमालयन एक्सपेडिशन (जीएचई): एक नजर में

यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंट (यूएनएफसीसीसी) की वेबसाइट की अनुसार जीएचई पहला संगठन है जो पर्यटन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूरस्थ समुदायों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने में करता है. इसे विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीसीसी) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) से मान्यता प्राप्त है.

उल्लेखनीय है कि भौगोलिक बनावट की वजह से हिंदू कुश इलाके में रह रहे 1.6 करोड़ लोगों के पास बिजली नहीं है. जीएचई ‘इम्पैक्ट एक्सपीडिशन’ के तहत पर्यटन से मिले शुल्क और अन्य राशि का इस्तेमाल गांवों में सौर पैनल खरीदने, परिवहन, स्थापित करने और ग्रामीणों को प्रशिक्षित करने में खर्च करता है ताकि बिजली के सूक्ष्म ग्रिड का परिचालन वे स्वयं कर सकें.

जीएचईकी उपलब्धियां

जीएचई ने अब तक भारत के तीन क्षेत्रों के 131 गांवों का विद्युतीकरण किया है जिसका असर 60 हजार ग्रामीणों पर पड़ा है. इसके लिए धन जुटाने के लिए शुरू हिमालय अभियान में 60 देशों के 1,300 से अधिक यात्री शामिल हुए.

यूएन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवार्ड: एक नजर में

यह पुरस्कार, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की पहल मोमेंटम फॉर चेंज के तहत प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार जलवायु परिवर्तन के साथ सतत विकास लक्ष्यों, नवाचार, लिंग समानता और आर्थिक अवसर बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में अभिनव समाधानों हेतु प्रदान किया जाता है.

source- jagranjosh.com