पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 10 सितंबर 2021 भवानीपुर उपचुनाव के लिए पर्चा भर दिया है. ममता बनर्जी अलीपुर में पर्चा दाखिल करने पहुंची थीं. बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस सीट से प्रियंका टिबरेवाल को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस इस सीट से कैंडिडेट नहीं उतारेगी.
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट से उपचुनाव में प्रियंका टिबरेवाल ममता बनर्जी को टक्कर देंगी. उन्होंने ही विधानसभा विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के खिलाफ याचिका दायर की थी. भवानीपुर सीट के लिए उपचुनाव 30 सितंबर को होगा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीपुर सीटों के साथ-साथ ओडिशा के पिपली निर्वाचन क्षेत्र में भी उपचुनाव होंगे. वोटों की गिनती 03 अक्टूबर 2021 को होगी.
कौन है प्रियंका टिबरेवाल?
प्रियंका टिबरेवाल कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं. इसके साथ वह युवा मोर्चा के बीजेपी यूथ विंग में उपाध्यक्ष के पद पर हैं. प्रियंका टिबरेवाल ने साल 2014 में बीजेपी जाइन की थी. उस समय प्रियंका बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार हुआ करती थीं. वही प्रियंका को बीजेपी में लाए थे.
प्रियंका टिबरेवाल को बीजेपी ने इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में एंटली सीट से उम्मीदवार बनाया था. यहां टीएमसी नेता स्वर्णा कमल ने उन्हें 58,257 वोटों से हरा दिया था. वहीं ममता बनर्जी भी उस चुनाव में नंदीग्राम से हार गई थीं. उनको बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने 1956 वोटों से हराया था. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अब ममता बनर्जी को विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है, इसलिए वह इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार
कांग्रेस भवानीपुर उपचुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने 08 सितंबर को कहा था कि एआईसीसी के निर्देश के मुताबिक, कांग्रेस 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले न तो बनर्जी के खिलाफ कोई उम्मीदवार उतारेगी और न ही उनके खिलाफ प्रचार करेगी.
विधायक के तौर पर चुना जाना जरूरी
ममता बनर्जी की इस पारंपरिक सीट को टीएमसी विधायक सोवन्देब चट्टोपाध्याय ने खुद खाली कर दिया था. दरअसल, ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से हार गई थीं. अब मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका कहीं से विधायक के तौर पर चुना जाना जरूरी है.