राजनांदगांव 12 जून 2020। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने जिले के राजस्व अधिकारियों को राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। श्री वर्मा ने आज राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि राजस्व वसूली राजस्व अधिकारियों के मूल कार्यों में शामिल है। आगामी 25 जून तक राजस्व वसूली में प्रगति दिखनी चाहिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को डायवर्सन भू-भाटक वसूली, डायवर्सन रिकार्ड दुरूस्तीकरण तथा सार्वजनिक विकास के कार्यों में भू-अर्जन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने के लिए भी निर्देशित किया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री ओंकार यदु, सहायक कलेक्टर ललितादित्य नीलम, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती लता उर्वशा, सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
क्वारेंटाईन सेन्टरों में अच्छी व्यवस्था करने के निर्देश-
कलेक्टर श्री वर्मा ने बैठक में प्रवासी श्रमिकों के लिए जिले में बनाए गए क्वारेंटाईन सेन्टरों में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन सेन्टरों में श्रमिकों के लिए भोजन और आवास के समुचित प्रबंध होने चाहिए। क्वारेंटाईन सेन्टरों में बरसात के दौरान विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है। यहां पर क्वारेंटाईन के नियमों का पालन होना चाहिए। क्वारेंटाईन सेन्टर में 14 दिन पूरे होने के बाद भी ऐसे श्रमिकों जिनका सेम्पल भेजा गया है उन्हें रिपोर्ट आने तक सेन्टर में ही रखा जाए। श्री वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में अच्छे कार्य हुए है। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गांव-गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। केन्द्र शासन, राज्य शासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का समुचित पालन होना चाहिए। विभिन्न विभागों के मैदानी अमलों और जनप्रतिनिधियों के जरिए आम लोगों में जागरूकता लाने विशेष प्रयास करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों, बैंकों और उचित मूल्य की दुकानों में भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कारगर योजना बनाकर अमल किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को गांवों में रोजगार दिलाने प्राथमिकता से कार्रवाई की जानी चाहिए। खेती-किसानी का मौसम शुरू हो गया है। कन्टेंनमेंट जोन क्षेत्रों में खेती-किसानी का कार्य व्यवस्थित ढंग से शुरू होना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय कार्यालयों का नियमित निरीक्षण किया जाए –
कलेक्टर श्री वर्मा ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र जब भी खुलेंगे तब नियमित निरीक्षण की जरूरत पड़ेगी। इन ओर भी राजस्व अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी मैदानी क्षेत्रों में सरकार के प्रतिनिधि होते है। मनरेगा में मजदूरी भुगतान, पेंशन भुगतान, राशन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाओं पर भी राजस्व अधिकारियों की नजर होनी चाहिए। हर तीन महीने में जीवन दीप समितियों की बैठक ली जाए।
आकांक्षी जिले की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य करने की जरूरत –
कलेक्टर ने कहा कि राजनांदगांव जिला आकांक्षी जिला है। आकांक्षी जिले की निर्धारित पैरामीटर और इंडीकेट निर्धारित है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, अधोसंरचना विकास आकांक्षी जिले की प्राथमिकताओं में शामिल है। श्री वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या होती है। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आम लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। बच्चों में कुपोषण के कारणों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। बच्चों के परिजनों को बताया जाए कि बच्चों को नियमित समय में खाना देने की जरूरत होती है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों को नियमित समय में देना चाहिए।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और हाट बाजार क्लीनिक योजना के संबंध में भी राजस्व अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के हाट बाजारों में लगने वाले क्लीनिक के लिए सारी व्यवस्थाएं की जाए। इसका प्रचार-प्रसार भी स्थानीय स्तर पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बरसात शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में उल्टी, दस्त की शिकायतें बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए सभी पेयजल स्त्रोतों को क्लोरिनेशन किया जाए। ताकि जलजनित बीमारियों से आम लोगों को बचाया जा सके।
हर पंचायत के लिए नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश –
कलेक्टर श्री वर्मा ने बैठक में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत इकाई होती है। योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की दृष्टि से हर ग्राम पंचायत के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।
पटवारियों की नियत तारीखों में मुख्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए –
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि पटवारियों की मुख्यालयों में नियत तिथियों में अनिवार्य रूप से उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पटवारियों के कार्यों के मूल्यांकन के लिए पटवारी डायरी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होती है। पटवारियों को नियमित रूप से डायरी लिखने के निर्देश दिए जाए।
खेतों में जाकर गिरदावरी बनाई जानी चाहिए –
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि इस साल अभी से ही गिरदावरी के संबंध में राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। गिरदावरी खेतों में जाकर ही तैयार की जानी चाहिए। इससे खेती की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती है।
राजस्व अधिकारियों पर आम जनता का भरोसा होना जरूरी –
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग आम जनता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ विभाग है। जरूरतमंदों और गरीबों के हित से संबंधित कार्य राजस्व विभाग के होते हैं। राजस्व अधिकारियों की कार्यप्रणाली में संवेदनशीलता होनी चाहिए। राजस्व अधिकारियों पर जनता का पूरा भरोसा होना चाहिए। यह तभी संभव है जब राजस्व अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों को समय पर पूरा करेंगे। श्री वर्मा ने कहा कि जब भी स्कूल खुलेंगे तब बच्चों का जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र बनाने में सहुलियत हो इसके लिए अभी से कार्ययोजना बनाई जाए।
सामुदायिक वन अधिकार पट्टे प्राथमिकता से बनाने के निर्देश –
कलेक्टर श्री वर्मा ने जिले में वन अधिकार पट्टे वितरण की समीक्षा करते हुए राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के बारे में अधिकारियों को बताया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन अधिकार पट्टे प्राथमिकता के आधार पर दिए जाने है। सामुदायिक वन अधिकार पट्टों को प्राथमिकता देने से जंगल के विनाश को बचाया जा सकता है।
राजस्व वसूली में तेजी लाएं –
कलेक्टर ने बैठक में राजस्व वसूली में प्रगति लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि डायवर्सन रिकार्ड पूरे जिले में दूरूस्त होना चाहिए। डायवर्सन के प्रकरणों में बी-1, खसरा जरूर बनना चाहिए। कलेक्टर ने सार्वजनिक सुविधाओं के विकास से संबंधित कार्यों में भू-अर्जन के प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय पर करने पर भी जोर दिया।
प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में प्रभावितों को सहायता देने के
प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए –
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में प्रभावितों को आरबीसी 6-4 के तहत सहायता दी जाती है। ऐसे मामलों में तत्काल प्रकरण बनाकर पीडि़त लोगों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
कलेक्टर ने बैठक में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर राजस्व अधिकारियों को इसकी नियमित समीक्षा करनी चाहिए। राजस्व कार्यालयों की दीवारों पर लोक सेवा गारंटी अधिनियम के संबंध में विस्तार से लेखन किया जाना चाहिए। ताकि आम जनता को इसका लाभ मिल सके। बैठक में स्लम पट्टों के नवीनीकरण, नियमितीकरण, शहरी क्षेत्रों में 7 हजार 500 वर्गफूट तक के शासकीय जमीनों के आबंटन, नियमितीकरण, नजून पट्टों का नवीनीकरण, आबादी या नजूल पट्टों की भूमि को फ्री-होल्ड, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना, नजूल भू-भाटक वसूली, डिजिटल हस्ताक्षर, ई-धरती योजना, भुईयां साफ्टवेयर, नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि के प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा बैठक में की गई। अपर कलेक्टर श्री ओंकार यदु ने बैठक में कहा कि हर राजस्व अधिकारी के दायित्व निर्धारित है। उन दायित्वों को हर हाल में पूरा करना राजस्व अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।