राजनांदगांव जिले मे तीज पर्व गुरुवार को सुहागन महिलाए निर्जला व्रत कर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना की है । इसके लिए महिलाओ का अपने अपने मायका आने का सिलसिला बना हुआ है जिसके चलते बसो मे रौनक लौट आई है और बसो मे भीड बनी हुई है।
हालाकि बस किराया बढने से महिलाओ मे नाराजगी देखी गई है इस साल तीज पर्व मनाने पर किसी तरह रोक टोक शासन व्दारा नहीं होने से महिलाएं बढ़-चढ़कर मायके जा रही है। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते महिलाए तीज पर्व पर अपने मायके नही पहुच पाई थी ।लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कम होते मामले के बीच महिलाए अपने अपने मायके पहुच रही है ।हरितालिका तीज व्रत के लिए बाजारों मे पूजन साम्राग्री का बाजार सजा हुआ है ।
जिसके चलते बाजार मे चहल पहल बढ़ी हुई है। हिदू पंचांग के अनुसार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। तीज पर्व को लेकर अपने मायके पहुची महिलाओ ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते वे मायके नही पहुच पाई थी लेकिन इस वर्ष कोरोना मे आई कमी के चलते मायके पहुची है ।इसी तरह अपनी पहली तीज मनाने पहुची एक अन्य महिला का कहना है कि वे पहला तीज होने से बेहद खुश है ।
तीज को लेकर शहर के बाजारों की रौनक बढ़ गई है।व्रत को लेकर सुहागिनों ने नए वस्त्र, आभूषण, पूजा सामग्री आदि की खरीदारी करने में तत्परता से जुट गई हैं। जिसके चलते कपडा बाजार सोने चांदी और चुडी दुकानो मे महिलाओ की भीड बनी हुई है ।हरितालिका तीज में भगवान श्रीगणेश भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाए फूलेरा सजा कर शिव पंचायत की पूजा अराधना करती है । हरितालिका तीज पर्व करुभात से शुरु होकर तीन दिनो तक चलता है दूसरे दिन महिला निर्जला व्रत करती है और तीसरे दिन मीठा भात खाकर अपना उपवास तोडती है ।इस पर्व पर छत्तीसगढी व्यजन ठेठरी खुमरी अनरसा बनाने की परम्परा भी है ।