राजनांदगांव : दावते इस्लामी द्वारा कोरोना मृतकों को मुस्लिम रीति-रिवाजों से दी जा रही है अंतिम विदाई…

राजनांदगांव | पूरी दुनिया में जिस तरह कोरोना महामारी फैली हुई है। कोरोना वायरस की गिरफ्त में आकर जान गंवाने वाले लोगों का सही तरीके से उनका अंतिम संस्कार / सुपुर्द ए खाक नहीं हो पाता, उन्हें प्रशासन द्वारा दफन या उन्हें जला दिया जाता है। कोरोना गाइड लाईन के कारण मृतकों के परिवार वाले भी अपनी इच्छा से कुछ नहीं कर पाते। ऐसे में राजनांदगांव की दावते इस्लामी संस्था कोरोना से मृतकों के कफन दफ्न के लिए सामने आई।

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इस संस्था से जुड़े युवाओं द्वारा साल भर से कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन के नियमानुसार गाइड लाईन का पालन करते हुए किया जा रहा है। अभी तक राजनांदगांव शहर व के आसपास के इलाके में रोजाना की बुनियाद पर दो से तीन कोरोना के कारण जान गंवाने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों का अंतिम संस्कार/सुपुर्द-ए-खाक कर रही है। जारी विज्ञप्ति के अनुसार मुस्लिम समाज की दावते इस्लामी एक ऐसी संस्था है, जो पूरी दुनिया में नेकी की दावत आम करने का काम करती है। उनकी एक ब्रांच राजनांदगांव छत्तीसगढ़ में भी है।

कोरोना वायरस से मृत हुए इस्लामिक सुन्नी भाइयों एवं बहनों के शवों को पूरी इस्लामी रीति रिवाज से दफन करते हैं, जो एकसराहनीय काम है। आज के दौर में जब कोरोना वायरस सभी जगह फैलता जा रहा है, जिसकी वजह से मृत शरीर को छूना तो दूर हाथ तक नहीं लगाया जा सकता, ऐसी स्थिति में दावर्ते इस्लामी संस्था के नौजवानों द्वारा पीपीई किट पहनकर मृत शरीर को मुस्लिम विधि (इस्लामिक) से जैसे गुस्ल देना, कपन, दफ्न, नमाजे जनाजा पढ़ते हैं और दफन करते हैं।