राजनांदगांव : देश का प्रकृति परीक्षण अभियान अंतर्गत रोग की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण…

  • कलेक्टर ने नागरिकों से प्रकृति परीक्षण कराने के लिए की अपील
  • शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक में प्रतिदिन रोगियों को प्रकृति परीक्षण के विषय में किया जा रहा जागरूकता
  • देश का प्रकृति परीक्षण अभियान 25 दिसम्बर तक
  • राजनांदगांव 13 दिसम्बर 2024। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा 26 नवम्बर से 25 दिसम्बर के मध्य चलाया जा रहा है। यह अभियान देश के सभी राज्यों में सभी आयुष संस्थाओं में चलाया जा रहा है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में प्रकृति परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति परीक्षण एक बहुत अच्छा एप्प है। हमारे शरीर की प्रकृति कैसी है यह इस एप के माध्यम से जान पायेंगे। जिससे हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं।
  • उन्होंने सभी नागरिकों को प्रकृति परीक्षण एप को डाउनलोड करने तथा इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अपील की है। जिले में जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिल्पा मिश्रा के निर्देशन में सभी आयुष संस्थाओं में प्रकृति परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें नागरिक अपना प्रकृति परीक्षण करा कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ जिले में विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य शिविरों में स्वास्थ्य जागरूकता हेतु प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही पंजीकृत निजी चिकित्सकों द्वारा भी नि:शुल्क प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है। शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक में प्रतिदिन रोगियों को प्रकृति परीक्षण के विषय में जागरूकता के साथ प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है।

  • आयुर्वेद चिकित्साधिकारी शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक राजनांदगांव डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने बताया कि आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत वात पित कफ के आधार पर सात प्रकार की शारीरिक प्रकृति होती है। जिसका निर्धारण गर्भाधान के समय हो जाता है। व्यक्ति को उसकी प्रकृति का ज्ञान उसमें होने वाले रोगों की संभावनाओं और उनके रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण है। किसी एक ही परिस्थिति में तीन अलग-अलग व्यक्तियों की प्रतिक्रिया या व्यवहार का अलग-अलग होना या एक ही परिवेश में रहने पर भी एक व्यक्ति को एक प्रकार का भोज्य पदार्थ उपयुक्त होना और दूसरे व्यक्ति में उपयुक्त न होना उस व्यक्ति की विशिष्ट प्रकृति के कारण ही होता है। प्रकृति परीक्षण में व्यक्ति की शारीरिक,
  • मानसिक, भावनात्मक प्रवृत्तियों का मूल्यांकन किया जाता है। इस हेतु नागरिकों को उनके मोबाइल में प्रकृति परीक्षण एप्लीकेशन पर ऑनलाइन प्रकृति परीक्षण के उपरांत तत्काल डिजिटल प्रकृति कार्ड प्राप्त होगा। जिसके अनुसार उन्हें व्यक्तिगत आहार, जीवन-शैली के विषय में सुझाव प्राप्त होता है। गैर संचारी रोगों के बढ़ते हुये आकड़ों को ध्यान में रखते हुये उसकी रोकथाम हेतु ये अभियान महत्वपूर्ण है। अभियान का ध्येय वाक्य संकल्प स्वास्थ्य का आधार आयुर्वेद का है।