राजनांदगांव: धानमंत्री आवास योजना में जमकर हो रही हैं धांधली- आशीष डोंगरे, ठेकेदार हितग्राहियों से पैसे लेकर हो गए हैं मौन…

राजनांदगांव- भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष व लखोली वार्ड क्रमांक 36 के पार्षद प्रतिनिधि आशीष डोंगरे ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राही लगातार धांधली के शिकार हो रहे हैं ठेकेदारो के द्वारा मोटी रकम लेकर हितग्राहियों के मकान को आधे अधूरे बनाकर बीच मझधार छोड़ दिए हैं ।
श्री डोंगरे ने कहा कि नगर पालिक निगम राजनांदगांव के द्वारा आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए दिए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़झाला दिखाई पड़ रहा है । क्योंकि हितग्राहियों को आवास नाम पर ठेकेदारों को द्वारा ठगा जा रहा है जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन लोगों के पक्के मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री के द्वारा जो सुविधा दी जा रही है । उनका दुरुपयोग नगर पालिक निगम राजनांदगांव के अधिकारी और कर्मचारी कर रहे है जहां तक की बात आ रही है कि न योग्यता न लाइसेंस फिर भी ऐसे ठेकेदार पैदा हो गए हैं जिनके पास न योग्यता न लाइसेंस फिर भी आवास योजना का फायदा उठा रहा है और धड़ल्ले से मकान बना रहे हैं जबकि मकान आधे अधूरे बीच में छोड़कर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और उन हितग्राहीयो से मोटी रकम लेकर उन मकानों को अब तक पूरा नहीं किया गया है ।

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श्री डोंगरे ने आरोप लगाया है कि लखोली वार्ड क्रमांक 36 में आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों को आधे अधूरे बीच में छोड़कर ठेकेदार हितग्राहियों से पैसा लेकर उनका मकान अभी तक पूरा नहीं किया है और यही हाल प्रधानमंत्री आवास योजना नगर निगम कार्यालय के द्वारा हितग्राही के नाम सूची में आने के बाद भी उन्हें उनके खाते में पैसा जमा नहीं करा रहा है और तरह-तरह के नियम और कानूनों से हितग्राहियों को फंसा कर रखा है और हितग्राही निगम कार्यालय और ठेकेदारों के चक्कर काट काट कर थक गए हैं । जबकि उक्त कार्यालय के द्वारा हितग्राहियों को कोई भी सुविधा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है । आवास योजना कार्यालय से बगैर लाइसेंसी ठेकेदार को आवास योजना काम दिया गया है । एक तरफ तो निगम कार्यालय प्रधानमंत्री आवास योजना से हितग्राहियों को अनेक प्रकार के परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है जैसे कि रास्ता नहीं होना, नाली नहीं बना व लाइट नहीं होना जबकि उन हितग्राहियों का पैसा लिस्ट के माध्यम से आ चुका है फिर भी आवास योजना के अधिकारी और कर्मचारी उनसे पैसे की मांग करता है और यही हाल ठेकेदारों का है जबकि आवास योजना के कार्यालय से लाइसेंसी ठेकेदारों का नाम आना चाहिए जिनके पास लाइसेंस है वही लाइसेंसी ठेकेदार ही आवास योजना के माध्यम से हितग्राहियों का मकान बना सकें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है बगैर लाइसेंस ठेकेदार हितग्राहियों से पैसे लेकर उनके मकान आधे अधूरे बना कर छोड़ दिए हैं ऐसे बगैर लाइसेंसी ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई होना चाहिए क्योंकि हितग्राहियों के द्वारा किसी भी बगैर लाइसेंस ठेकेदारों की शिकायत निगम आवास योजना के कार्यालय में पहुंचता है तो उनके ऊपर तुरंत एफ आई आर दर्ज होना चाहिए।