राजनांदगांव : नियमितीकरण का लाभ लेकर जुर्माना से बचने आयुक्त ने नागरिकों से की अपील…

अनाधिकृत भवनों के नियमितिकरण की प्रगति की समीक्षा के लिये आयुक्त ने ली वास्तुविदों की बैठक

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नियमितीकरण का लाभ लेकर जुर्माना से बचने आयुक्त ने नागरिकों से की अपील

राजनांदगांव 9 मार्च। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनहित में जारी आदेशानुसार छ.ग.अनाधिकृत विकास नियमितिकरण (संशोधन) अधिनियम/नियम 2022 के तहत 14 जुलाई 2022 तक निर्मित अनाधिकृत भवनों का नियमितीकरण एक वर्ष तक की अवधि के लिये किया जाना है,

जिसमें 120 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड मे निर्मित भवन का निःशुल्क एवं 120 वर्ग मीटर के अधिक भूखण्ड में निर्मित भवन का नाममात्र शुल्क में नियमितीकरण किया जाना है। शासन की उक्त योजना का नागरिकों को अधिक से अधिक लाभ देने निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने निगम सभागृह में आज अपरान्ह में निगम के अभियंताओं एवं वास्तुविदों की बैठक लेकर किये गये नियमितीकरण की प्रगति की जानकारी ली तथा अधिक से अधिक नियमितीकरण करने वास्तुविदों को निर्देशित किये।


आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने बैठक में सभी वास्तुविदों से अब तक आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों के किये गये नियमितीकरण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन वास्तुविदों द्वारा नियमितीकरण की गयी है, वे और भी तेजी से नियमितीकरण करावे, ताकि नागरिकों को योजना का लाभ मिल सके। साथ ही नियमितीकरण के लिये जो भी प्रकरण निगम के भवन अनुज्ञा विभाग में लगाया गया है

उसकी जल्द से जल्द प्रक्रिया पूर्ण की जाये। आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने वास्तुविदों से कहा कि अपने अपने क्षेत्र के लोगों से सम्पर्क कर अवैध भवनों का नियमितीकरण कराने जानकारी देवें। उन्हें शासन की योजना के बारे में बताये कि शासन द्वारा जनहित को ध्यान रखते हुये बिना अनुमति के भवन निर्माण स्वीकृति के अतिरिक्त भवन निर्माण, भू उपयोग परिवर्तन एवं पार्किंग का उल्लंघन कर किये गये अनाधिकृत भवन निर्माण जो दिनांक 14 जुलाई 2022 के पूर्व से ही निर्मित है,

को बहुत ही कम शास्ति शुल्क के साथ नियमितीकरण करने का निर्णय लिया गया है, इसके साथ ही छोटे भूखण्डधारियों जिनके भूखण्ड का क्षेत्रफल 120 वर्ग मीटर से कम है को निःशुल्क नियमितीकरण करने का प्रावधान रखा गया है।

उन्होंने कहा कि नियमिमीकरण के लिये जानकारी देवे, कि नगर निगम क्षेत्रांतर्गत के नियमितीकरण के प्रकरणों का ले आउट नगर निगम में पंजीकृत इंजीनियर से तैयार कराकर आवेदन के साथ प्रस्तुत करना है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग 300 वर्ग मीटर से अधिक आकर के भूखण्डों पर लागू होगा।

उन्होंने बताया कि नियमितीकरण के लिये आवेदन के साथ भूमि स्वामित्व दस्तावेंज (अधतन बी-1, पी-2), खसरा बटांकन, बिजली बिल, सम्पत्तिकर, लेआउट, भवन अनुज्ञा, आर्किटेक्ट द्वारा वर्तमान में निर्मित भवन, मानचित्र का ले आउट, 5 प्रतियो में भवन के चारो तरफ का फोटोग्राफ भवन का स्थल मानचित्र प्रस्तुत करना होगा।


आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि सभी वास्तुविद नियमितीकरण के प्रकरणों में वृद्धि करे, इस संबंध में कल दिनांक 10 मार्च 2023 संध्या 5 बजे निगम सभागृह में चेम्बर ऑफ कामर्स एवं व्यापारियों की बैठक बुलाई जायेगी, जिसमें उन्हें नियमितीकरण की जानकारी देकर नियमितीकरण कराकर की जाने वाली वैधानिक कार्यवाही से बचने अपील की जावेगी। बैठक में वास्तुविदों ने भी नियमितीकरण कराये गये प्रकरणांे के संबंध में जानकारी दिये।

उन्होंने नागरिकों से भी अपील करते हुये कहा है कि दिनांक 14 जुलाई 2023 तक अपने अवैध भवनों को नियमितीकरण के तहत वैध करावें और भविष्य में निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जाने वाली वैधानिक कार्यवाही व जुर्माना से बचे।

बैठक में उपयुक्त श्री सुनील अग्रहरि, कार्यपान अभियंता श्री यू.के.रामटेके, सहायक अभियंता श्री प्रणय मेश्राम व श्री दीपक अग्रवाल,उप अभियंता श्री दीपक महला, सुश्री सुषमा साहू, व श्री तिलकराज घ्रुव सहित वास्तुविद उपस्थित थे।