राजनांदगांव- पूरे विश्व में जब से कोरोना वायरस संक्रामक का बढ़ते चरण में फैल रहे हैं उतना ही लापरवाही से शासन-प्रशासन काम कर रहे हैं अगर समय रहते शुरुआत में ही इस बीमारी को रोकथाम करने के लिए जिला प्रशासन नगर प्रशासन गंभीरता दिखाई देते तो आज राजनांदगांव जिले सहित प्रदेश में मृत्यु दर की संख्या नहीं बढ़ते आज राजनांदगांव जिले में कोरोना वायरस संक्रामक से सैकड़ों की संख्या में मृत्यु हो जाने के बाद भी शासन प्रशासन लोगों को स्वास्थ्य व कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए गंभीरता पूर्वक ना इलाज कर रहे हैं ना सोशल डिस्टेंस, मास्क व सेनीटाइजर का ना उपयोग हो रहे हैं ।
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष परवेज अहमद पप्पू ने जिला प्रशासन और नगर प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए बतलाया कुछ माह पहले नगर निगम में कोरोना वायरस से बचने के लिए लाखों की तादाद में सैनिटाइजर खरीद कर प्रत्येक वार्ड में वितरण से आम जनता को उपलब्ध कराना था किंतु वहां खरीदी करने के बाद आम जनता तक सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं हो पाया कुछ वार्डों में उपलब्ध हुआ है जबकि जिले सहित पूरे शहर में कोरोना वायरस की चपेट में है इसके बाद भी जिला प्रशासन व नगर प्रशासन लोगों को बचाने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाने के कारण जिले सहित प्रदेश में कोरोना वायरस की संख्या बढ़ते चरण में है ।
श्री अहमद ने आगे बताया कि जब कोरोना वायरस मरीजों की संख्या कम थे उस समय शासन-प्रशासन पूरे शहर में ढील छोड़कर बहुत बड़ी भूल की है क्योंकि लॉकडाउन ढील होने से एक तरफ मजदूरों को राहत की सांस मिली है किंतु दुकानदार ग्राहक व आम जनता को मास्क हर हाल में अनिवार्य का उपयोग के लिए कड़ाई से पालन करवाना था जो आज ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से नगर पालिक निगम के सहयोग से बिना मार्क्स पहनने उपयोग किए लोग खुले में घूम रहे हैं इसके लिए ट्रैफिक पुलिस अर्थदंड के रूप में फाइन ले रहे हैं जनता को कितना भी समझाने की कोशिश करें वह जनता है आम जनता को प्रशासन की कार्यवाही कि डर भय भी होना जरूरी है तथा कोरोना गाइडलाइन का पालन करते लेकिन जिला प्रशासन व नगर प्रशासन कोरोना वायरस पॉजिटिव की संख्या कम हो जाते हैं तो राहत की सांस लेते हैं और बढ़ जाते हैं तो जमीनी स्तर में उतर कर कार्यवाही की बात करते हैं अगर वही कार्यवाही शुरू से आज तक शहर में अनुशासन डिसिप्लिन रखते तो आज सैकड़ों की तादाद में पॉजिटिव की संख्या मृत्यु दर की संख्या भी नहीं बढ़ते।
श्री अहमद ने जिला प्रशासन व नगर प्रशासन को कोरोना वायरस संक्रामक की संख्या बढ़ने के लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन सहित नगर प्रशासन जिम्मेदार है क्योंकि समय रहते कोरोना वायरस संक्रमण गाइडलाइन का पालन कड़ाई से जिला प्रशासन व नगर प्रशासन स्वयं करते हैं तो आम जनता भी कार्यवाही के डर से आम जनता भी पूरी डिसिप्लिन अनुशासन में मास्क व सैनिटाइजर जैसे अन्य बचाओ के सारे सुविधा का उपयोग करते किंतु आज अधिकांश शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालय में सैनिटाइजर व मास्क का उपयोग नही कर रहे है और वही जिला प्रशासन नगर प्रशासन शहर वासियों को सुरक्षित रहने का हिदायत दे रहे हैं अब अपने आप को बचाव करने में लापरवाही कर रहे हैं तो क्या ऐसी स्थिति में शहरवासियों को बचाने में कितना कारगर साबित हो रहे हैं यह शहर वासी लोग भी देख रहे हैं और समझ भी रहे हैं ऐसी स्थिति हॉस्पिटल और स्वास्थ्य केंद्रों की है जो अनेक असुविधाओं से खुद ग्रसित हैं क्योंकि मेडिकल कॉलेज में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ते चरण में होने के बाद भी इलाज में लापरवाही ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं से पॉजिटिव मरीज की मौत होना यह राजनंदगांव संस्कारधानी की दुर्भाग्य की बात है एक और जिला प्रशासन नगर प्रशासन सहित प्रदेश सरकार संक्रामक मरीजों की इलाज में बहुत गंभीरता पूर्वक इलाज करने का दावा करते हैं लोगों को दिखा रहे हैं लेकिन राजनंदगांवम मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से मौत होने से ही समझ में आते हैं कौन कितना जिम्मेदार है। श्री अहमद ने जिला प्रशासन व नगर प्रशासन सहित प्रदेश सरकार से अपेक्षा किए हैं
कोरोना वायरस की संख्या कम व रोकथाम के लिए कोरोना वायरस संक्रमण गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिला प्रशासन व नगर प्रशासन को जमीनी स्तर पर उतर कर काम करना होगा तभी आम जनता भी प्रशासन की कार्रवाई से डर भय से पूरी गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने आप को बचाने में लगेंगे तथा सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में तथा सभी कर्मचारी अधिकारी को मास्क का उपयोग करने के लिए अनिवार्य करना चाहिए जब तक प्रशासन कडाई और गंभीरता दिखाई नहीं देंगे तब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ते चरण में होंगे इसलिए जिला प्रशासन और नगर प्रशासन को कोरोन वायरस से लोगों को बचाने के लिए पूरी प्रशासन तंत्र को एक साथ युद्ध स्तर पर लोगों की जागरूकता एवं बचाव व कार्यवाही के लिए एक टीम गठित करना चाहिए तभी प्रदेश सहित जिले में पॉजिटिव की संख्या धीरे-धीरे कम हो सकते हैं।