राजनांदगांव- 22 अक्टूबर 2020। भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना देश के धार्मिक स्थलों को विकसित करने की योजना है, जिसके अंतर्गत डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव को शामिल करते हुए विभिन्न विकास कार्यो एवं सौंदर्यीकरण हेतु 43 करोड़ 33 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। नवरात्रि के पावन अवसर पर केन्द्र से मिली इस मत्वपूर्ण स्वीकृति के पश्चात् डोंगरगढ़ के विभिन्न स्थलों में विकास कार्यों एवं सौंदर्यीकरण के साथ ही देश के पर्यटन मानचित्र पर डोंगरगढ़ का नाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में अंकित हो जायेगा।
केन्द्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत इस स्वीकृति के लिए पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के विशेष प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता संभव हो सकी है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी सचिव पर्यटन विभाग के द्वारा लगातार केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुतीकरण देते हुए इस महत्वाकांक्षी योजना के लिये प्रयास किया गया।
कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने इस महत्वपूर्ण सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धर्म नगरी डोंगरगढ़ एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। इससे छत्तीसगढ़ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और देश-विदेश से पर्यटकों का छत्तीसगढ़ में आवागमन बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत मां बम्लेश्वरी मंदिर की सीढिय़ों पर पर्यटन सुविधायें, पार्किंग, तालाब सौंदर्यीकरण एवं पिलग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) विकसित किये जायेंगे साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर भी श्रद्धालु पर्यटकों के लिए सुविधायें विकसित किया जाना प्रस्तावित है। डोंगरगढ़ में प्रसाद योजना के क्रियान्वयन से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ आय के स्रोत भी प्राप्त होगें। इस योजना के मुख्य आकर्षण का केन्द्र श्री यंत्र की डिजाईन में विकसित किये जाने वाला पिलग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) होगा।