राजनांदगांव 27 अप्रैल 2021। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कंटेनमेंट जोन का कड़ाई से पालन किया जाए। शासन के निर्देशानुसार अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों का 72 घंटे की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। सीमावर्ती क्षेत्रों में इसका सख्ती से पालन किया जाए। अन्य राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कोविड टेस्ट होने के बाद ही प्रवेश दिया जाए। सीमा के सभी रास्तों मेें टीम तैनात कर कड़ी निगरानी रखी जाए। कलेक्टर श्री वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि जिले में वनवासियों द्वारा लघुवनोपज का संग्रहण किया जाता है। उनके द्वारा वनोपज का संग्रहण करते समय सोशल डिस्टेसिंग, मास्क लगाना तथा कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य है। जिन घरों में कोरोना के मरीज हैं उनके घर के अन्य सदस्य वनोपज का संग्रहण नहीं करें। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वनोपज का विक्रय करते समय प्रोटोकाल का पालन किया जाए। इसके लिए वन विभाग के साथ मितानिनों को आपसी समन्वय कर निगरानी करने कहा है।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिले में मितानिनों द्वारा लक्षण वाले सभी मरीजों को दवाईयों का किट वितरण किया जाए। इन मरीजों का तत्काल सैम्पल लेकर जांच कराई जाएं।
उन्होंने कहा कि विकासखंड स्तर पर कोविड कंट्रोल रूम स्थापित करें। इसके माध्यम से होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को परेशानी होने पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के पास ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर तथा उस क्षेत्र के डॉक्टर का नंबर उपलब्ध हो। जिसके माध्यम से स्वास्थ्य ठीक नहीं होने पर डॉक्टर को जानकारी मिल सके और उन्हें समय रहते हॉस्पिटल रिफर किया जा सके। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को गुमराह कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। सभी बीएमओ अभियान चलाकर कार्रवाई करें।
उद्योग तथा फैक्ट्रियों में कार्य प्रारंभ है, इन जगहों में आकस्मिक छापामार कर कोरोना प्रोटोकाल के पालन की जांच करें। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जिन गांवों में टीकाकरण अधिक हुआ है उन गांवों में कोरोना संक्रमण की दर का जांच करें। जिससे यह जानकारी मिलेगी कि टीकाकरण से संक्रमण दर में कमी आई है। कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति अफवाह फैलाई जा रही है। टीकाकरण भारत शासन द्वारा कोरोना के विरूद्ध लड़ाई का अहम हथियार है। इसके विरूद्ध दुष्प्रचार करने वालों पर शासकीय योजनाओं में बाधा डालने के लिए महामारी एक्ट के उल्लंघन के तहत कार्रवाई करें। ग्रामीण क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन का कड़ाई से पालन किया जाए। जिन गांवों में केस नहीं है वहां नये केस नहीं आनी चाहिए।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिले में कंटेनमेंट जोन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। उल्लंघन करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई भी करें। सभी क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जाए। कोविड टेस्टिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग लगातार होनी चाहिए। किसी भी जगह भीड़ नहीं हो। कंटेनमेंट जोन में दुकान खोलने पर दुकान सील व एफआईआर की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा 2 महीना नि:शुल्क राशन वितरण किया जा रहा है, इसके भण्डारण की व्यवस्था कर ली जाए। राशन वितरण के समय पीडीएस दुकानों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए। जिले में शादियां हो रही हैं, इन जगहों पर अचानक निरीक्षण कर प्रोटोकॉल पालन की जानकारी लें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे। स्वास्थ्य बिगडऩे पर हॉस्पिटल में रिफर करें। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करें, यह सुनिश्चित होनी चाहिए। मितानिनों द्वारा कोविड संक्रमण की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल का वॉल लेखन तथा अन्य माध्यम से लोगों को जागरूक करते रहें। घर में पॉजिटिव मरीज हंै तो अन्य सदस्यों को मास्क लगाना चाहिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत अजीत वसंत, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कान्फ्रेस के जरिए सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, सीएमओ एवं बीएमओ जुड़े रहे।