
राजनांदगांव दो साल बाद फागुन माह की पूर्णिमा को रंगों का पर्व होली शहर में धूमधाम से मनाया गया। युवा ,बच्चे ,बड़े बुजुर्ग, महिलाएं सभी घुल मिलकर रंगों से सराबोर हो गए। होली के दिन सुबह से ही रंग खेलने का दौर शुरू हुआ जो 2 दिनों तक चलता रहा। सब ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर पर्व की बधाई दी। युवाओं और बच्चों में खास उत्साह देखा गया ।

नगाड़े की थाप पर सुमधुर फाग गीतों की धुन में वे जमकर झूमे तीसरे दिन रविवार को शहर में होली की खुमारी देखी गई। दुकान बाजार बंद रहे सत्यनारायण मंदिर समिति द्वारा शोभायात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों की संख्या में शहरवासी शामिल होकर भगवान राधा कृष्ण के साथ फूल और हर्बल रंगों की होली खेले। शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ प्रसाद के रूप में मिष्ठान और ठंडाई का वितरण हुआ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
शहर में होली का त्योहार पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दो साल बाद एक दूसरे को रंग गुलाल सराबोर कर दिया । होली के दिन सुबह लोगों ने अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना कर पर्व का आगाज किया । जिसमें उन्होंने एक दूसरे को रंग गुलाल से सरावोर कर दिया। इस बार हर्बल गुलाल का ज्यादा उपयोग हुआ । बच्चों ने सुबह से राहगीरों पर रंगों से बौछार की।
शहर के चौक चौराहों में डीजे और नगाड़े की थाप में लोगों ने सामूहिक रूप से होली खेली और खूब डांस किया। युवा और बच्चों ने तरह-तरह के डिजाइन के मुखोटे लगाए थे शहर के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शोभायात्रा शहर के कामठी लाइन से भारत माता चौक, आजाद चौक ,मानव मंदिर चौक का भ्रमण करते हुए शहर के प्रमुख मार्गों में होते हुए वापस सत्यनारायण मंदिर पहुंचकर विसर्जित हुई।
सत्यनारायण मंदिर में राधिका संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक ,महापौर हेमंत देशमुख, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव एवं समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर में भगवान राधा कृष्ण की विधि विधान से आरती पूजा की उन्होंने मंत्रोच्चार के बाद भगवान राधा कृष्ण को रथ पर सवार किया। शोभायात्रा में शामिल भक्तजनों ने इत्र, और हर्बल रंगों के साथ भगवान संग होली खेली इस दौरान धार्मिक और फाग गीत बजते रहे युवा बड़े बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग होली के रंग में रंगे नजर आए । शहर वासियों ने जगह-जगह शोभायात्रा में शामिल लोगों को ठंडाई और प्रसादी का वितरण किया शहर का माहौल धर्म में हो गया इसके अलावा युवाओं और बच्चों की टोली भी दिनभर अपने-अपने तरीकों से होली मनाती रही।