राजनांदगांव – छत्तीसगढ के वीर सपूत शहीद लेफ्टिनेन्ट अरविन्द शंकर दीक्षित का 50 वां शहादत दिवस पर कान्यकुब्ज सभा एवं कैडेट क्लब राजनांदगाँव ने कस्तूबरा महिला मंडल भवन मे प्रार्थना सभा आयोजित कर उन्हे अपना श्रध्दा सुमन अर्पित किया । इस अवसर पर रिजर्व पुलिस लाईन की सलामी गारद ने सशस्त्र सलामी दी। 1971 के भारत पाकिस्तान युध्द के दौरान शहीद ले आरविन्द शंकर दीक्षित ने देश के लिए अपने प्राणो की न्योछावर कर दी ।पश्चिम वीर चक्र से सम्मानित शहीद लेफ्टिनेन्ट अरविन्द शंकर दीक्षित ने 20 दिसंबर 1971 को भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान अद्भुत साहस का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन सेना को पराजित किया। किन्तु अंत में मातृृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस वीर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए 24 सालों से कान्यकुब्ज सभा द्वारा हर साल 20 दिसंबर को यह कार्यक्रम आयोजित करते आ रहा है
शहादत दिवस के मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे नगर निगम आयुक्त डा आशुतोष चतुर्वेदी 105 इंजीनियर्स रेजीमेंट के सूबेदार पी पी सिह जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारीयो भूतपूर्व सैनिको सहित अन्य अतिथीयो गणमान्य नागारिको एन सी सी कैडेटो ने शहीद ले अरविंद शंकर दीक्षित के तैल चित्र मे अपना श्रध्दा सुमन आर्पित किया ।और उनके पराक्रम शौर्य वीरता को याद किया ।कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से किया गया ततपश्चात अतिथियो ने शहीद के परिजन डा अरुण दीक्षित अजय दीक्षित का सम्मान कर कृतज्ञता व्यक्त की ।इस अवसर पर कान्यकुब्ज सभा के सचिव अजय शुक्ला ने बताया कि 1971का भारत पाकिस्तान का युध्द कई मायने मे महत्व पूर्ण रहा है क्योकि युध्द ने इतिहास रचने के साथ भूगोल भी बदला है ।
भारतीय थल सेना ने श्री दीक्षित को इस पराक्रम के लिए पश्चिम वीर चक्र’ से नवाजा गया ।महज 23 साल की उम्र में देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले अरविंद शंकर दीक्षित का जन्म 16 जून 1948 को रायपुर के बैरन बाजार स्थित उनके घर में हुआ था। पिता स्व. हरीशंकर दीक्षित टेक्निकल स्कूल रायपुर के प्राचार्य थे। प्रारंभिक शिक्षा रायपुर के सेंटपाल्स स्कूल में हुई ।उच्च शिक्षा रायपूर के हि इंजीनियरिंग कालेज से प्राप्त की ।
1970 में देहरादून में 105 इंजीनियर्स रेजीमेंट थल सेना मे ज्वाईन की।राजनांदगांव से अरविंद शंकर दीक्षित का काफी लगाव रहा। और यहीवजह है कि हर साल 20 दिसम्बर को राजनांदगांव में शहीद ले. अरविंद शंकर दीक्षित का शहादत दिवस पूरे सम्मान के साथ आयोजित होता है। और भारत माता के इस वीर सपूत का श्रध्दासुमन अर्पित किया जाता है ।