राजनांदगांव। भारतीय रेल्वे के इतिहास में एक और नया अध्याय और कीर्तिमान जुड़ गया है। पहली बार नागपुर मंडल ने 4 माल गाड़ियों को जोड़ कर सुपर पॉयथन का परिचालन किया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल परिचालन के क्षेत्र में निरंतर नए आयाम स्थापित करता रहा है। नागपूर मंडल की नवाचार के साथ माल गाड़ियों एवं सवारी गाड़ियों के परिचालन में हमेशा अहम भूमिका रही है।

इसी कड़ी में 2 जुलाई 2020 का दिन भारतीय रेल्वे के इतिहास में अमर हो गया। जब नागपूर मंडल ने रेल परिचालन क्षेत्र में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर 4 माल गाड़ियों को एक साथ जोड़कर जिसमें 236 वैगन, 4 ब्रेक वन, व 9 विद्युत लोको के साथ इसका परिचालन किया। भारतीय रेलवे में पहली बार नागपुर मंडल द्वारा परमालकसा स्टेशन से दुर्ग तक यह सुपर पॉयथन चलाई गई।
औसतन से रही ज्यादा स्पीड
परमालकसा से यह ट्रेन 12.20 बजे चली व 13.05 बजे दुर्ग पहुंची। यह माल गाड़ी 63 किमी प्रति घंटे की गति से 45 मिनट में परमलकसा से दुर्ग पहुंची। जबकी औसतन खाली माल गाड़ी की गति 25.30 किमी है। यह रेक दुर्ग से बिलासपुर तथा बिलासपुर से कोरबा भेजी जाएगी। अधिक उतार चढ़ाव एवं विषम परिस्थिति वाले रेलवे ट्रैक को पार करते हुए यह सुपर पाॅयथन की लंबाई 2.8 किमी है जिसका नागपुर मंडल द्वारा सफलता से परिचालन किया गया।
सुपर पॉयथन ने रचा इतिहास
इस प्रकार की माल गाड़ी के खाली रेक को भारतीय रेलवे में सबसे पहले चलाने की उपलब्धि भी हासिल की। मंडल रेल प्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के दिशा निर्देशन में इस तरह के इनोवेशन से मंडल की माल गाड़ियों के परिचालन में अभूत पूर्व इजाफा देखने को मिला है। वहीं नागपूर मंडल के परिचालन विभाग की दक्षता एवं कार्यकुशलता के कारण माल गाड़ियों की गति में बढ़ोतरी हुई है। मंडल रेल परिचालन में सुधार एवं नवाचार से रेल परिचालन में गतिशीलता में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
लगातार की जाती रही जांच
रेल परिचालन की स्पीड एवं वैगन की औचक निरीक्षण कर समय-समय में जांच की जाती है। जिससे माल गाड़ियों की रफ्तार अच्छी बनी रहे सभी स्तरों पर मालगाड़ी की गति बढ़ाने में सजगता बढ़ाई जा रही है। जिसका परिणाम यह है कि जहां पिछले दिनों में खाली माल गाड़ियों की गति औसतन 50 से 60 किमी प्रति घंटा रहती थी वह बढ़कर 80 किमी प्रति घंटा हो गई है।