राजनांदगांव: स्कूल शिक्षा मंत्री ने विकासखंड छुरिया के तेलिनबांधा में जोन स्तरीय स्मार्ट शाला का किया शुभारंभ…

राजनांदगांव- स्कूल शिक्षा, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास तथा सहकारिता विभाग मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज छुरिया विकासखंड के ग्राम तेलिनबांधा में जोन स्तरीय स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया। छुरिया विकासखंड के 3 संकुल तेलिनबांधा, जोब और खोबा के 50 स्कूलों के लिए स्मार्ट टीवी का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने तेलीनबांधा हाई सेकेण्डरी स्कूल को उन्नयन करने की घोषणा की।

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स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि शासन द्वारा बहुत सी योजनाएं लागू की गई है और इन योजनाओं में जनसहयोग करने से लोगों के मन में भावनात्मक भागीदारी आती है। जनसहयोग, शिक्षक, ग्रामवासियों और पालकों के सहयोग से संकुल में जोन स्तरीय स्मार्ट शाला का शुभारंभ बहुत ही सराहनीय है। संकुल के सभी स्कूल को स्मार्ट स्कूल के रूप में परिवर्तन करने के लिए किया जा रहा प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि इस नवाचार के माध्यम से क्षेत्र के 927 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की शुरूआत हो चुकी है और आज 50 स्कूलों में स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन की स्थिति में कोविड-19 के प्रकोप के कारण सबसे ज्यादा पढ़ाई को नुकसान हुआ है।

इस स्थिति में पढ़ाई के वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में शासन द्वारा स्कूल के 22 लाख बच्चे और 2 लाख शिक्षकों का पंजीयन कराया गया और प्रदेश में ऑनलाईन पढ़ाई की शुरूआत की गई। जिन स्थानों में नेटवर्क की पहुंच नहीं हैं, वहां मोहल्ला क्लास, लाऊड स्पीकर, बुल्टू के बोल के माध्यम से शिक्षा प्रारंभ कराया गया। उन्होंने कहा ऑनलाईन पढ़ाई की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को श्रेष्ठ श्रेणी में चुना गया। कोविड-19 जैसी विषम परिस्थितियों में मिलकर कार्य किए है, इससे अन्य जिलों को भी प्रेरणा मिलेगी। पढ़ाई ही ऐसा माध्यम है, जिससे हम समाज को शिक्षित कर सकते हैं और एक अच्छा नागरिक बना सकते हैं। जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा है।स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 स्कूल बंद रहने पर भी पाठ्यपुस्तक निगम के माध्यम से बच्चों को पुस्तक उपलब्ध कराया गया।

मध्यान्ह भोजन के तहत राशन घर तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई शुरूआत की जा रही है। राज्य में विभिन्न स्थानों पर स्थानीय बोली अलग-अलग होती है। इसके लिए प्राथमिक शालाओं में उन क्षेत्रों के स्थानीय बोली में शिक्षा देने के लिए कार्य किए जा रहे है। जिससे स्थानीय बोली का महत्व बढ़ेगा और बच्चों को समझने में आसानी होगी। राज्य में बच्चों की प्रतिभा में कमी नहीं हैै, आवश्यकता इस बात की है। उन्हें अच्छा अवसर मिले। शासन ने राज्य में इसके लिए 100 अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की योजना है। जिससे बच्चे उच्च प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें। जिन स्कूलों तथा आंगनबाडिय़ों में बाऊंड्रीवाल हुए है, उन परिसरों को जनसहयोग के माध्यम से पौधरोपण कर हरा-भरा बनाएं।

शासन द्वारा स्कूल को इको फ्रे ंडली बनाए जाने की योजना है। यहां युथ क्लब के माध्यम से पढ़ाई के साथ अन्य विषयों पर विचार हो सकें। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में वनाधिकार पत्र, सामुदायिक पत्र अनेक कार्य किए जा रहे है। शासन ने तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य 4000 प्रति मानक बोरा किया है। वहीं 52 प्रकार के वनोपज को समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा है। जिसका पूरा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ पूरे देश में ऐसा प्रदेश है जहां सबसे अधिक समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में हो रही है। गोबर से अनेक सामग्री का निर्माण किया जा रहा है। शासन द्वारा किसानों की उन्नति और आगे बढने के लिए तथा उनके आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लाई गई है। जब देश में मंदी का दौर आया लेकिन छत्तीसगढ़ इससे अछूता रहा है। इसका प्रमुख कारण शासन द्वारा लागू की गई, जनहितैषी योजना है। जिसमें लोगों को राशि प्राप्त हुई और उसका उपयोग आर्थिक गतिविधियों में किया गया।

उन्होंने कहा कि जब किसान आगे बढ़ेगा, तब छत्तीसगढ़ आगे बढ़ेगा, किसान स्वस्थ्य रहेंगे तब हमारा छत्तीसगढ़ स्वस्थ्य रहेगा।खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने कहा कि कोविड-19 में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हुए है। इसी की चिंता करते हुए स्मार्ट क्लास प्रारंभ किया गया। इसमें चिप के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बच्चों में डिजिटल रूप में ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। स्कूलों में अब डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ी पूंजी है। शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। आने वाले पीढ़ी को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो और इतिहास में अपना रोशन कर सकें। उन्होंने कहा कि आमगांव के स्कूल में डिजिटल पढ़ाई प्रारंभ होने से प्रति वर्ष 3-4 बच्चे का चयन नवोदय विद्यालय में होता है। अब सभी स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई प्रारंभ होने से अधिक बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय हो सकेगा।

इस अवसर पर शिक्षकों, शिक्षा सारथी, दानदाता, समाजसेवी एवं अधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में समाज सेवी श्री आलोक शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य श्री रामछत्री चन्द्रवंशी, श्री रितेश जैन, श्री एकनाथ सिन्हा, श्री धर्मेन्द्र साहू, सरपंच तेंलीनबांधा श्रीमती राजकुमारी चंन्द्रवंशी, सरपंच भर्रीटोला श्री रेवाराम लाड़ेकर, सरपंच घोरतलाव श्रीमती लीला भुवन कोठारी, सरपंच भर्रीटोला ब श्रीमती ममता कमलेश पन्द्रो, उपसरपंच तेलीनबांधा श्री विजय साहू, समाज सेवी श्री गोविंद चन्द्रवंशी, श्रीमती कुमारी बाई साहू, समाज सेवी श्री गोवर्धन नेताम, श्री शत्रुहन यादव, श्री जगनूराम कंवर, श्री राजू मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनधि उपस्थित थे। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री हरिकृष्ण शर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री हितेश पिस्दा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचआर सोम, जनपद पंचायत सीईओ श्री प्रतीक प्रधान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री देशलहरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।