रायपुर, 02 सितंबर 2021ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के निर्देशन में पैरा शिल्प अब ग्रामीणों के आजीविका का साधन बन रहा है। मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य शिल्प कलाओं का गढ़ है। राज्य की शिल्प कलाएं देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी खूबसूरती और सुंदर कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। उल्लेखनीय है कि विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों और शिल्पिओं की कलाकृतियों में निखार लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड विविध शिल्प (पैरा-पुआल) से जुड़े लोगों को उनकी कला में निखार लाने प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है। पैरा शिल्प से जुड़े शिल्पकारों को जांजगीर जिले के नवागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम धुरकोट में तीन माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक श्री शंकरलाल धुर्वे ने बताया कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड रायगढ़ और जांजगीर-चांपा द्वारा जांजगीर जिले के धुरकोट ग्राम में 1 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक तीन माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पैराशिल्प से जुड़े 20 लोगों को तीन माह का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्व-रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को 1500 रूपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर ग्राम पंचायत धुरकोट के सरपंच श्री सरवन किरण, पूर्व सरपंच श्री शैलेश कुमार, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड रायगढ़ के प्रभारी श्री रामधन खुंटेे, प्रशिक्षक श्री राजकुमार रोहिदास सहित प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।