राजनांदगांव 14 मई 2020। नौनिहालों का सुपोषण शासन की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी की योजना सुपोषण अभियान का संचालन राजनादगांव जिले में सफलतापूर्वक किया जा रहा है योजना के माध्यम से कुपोषित बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराकर उन्हें कुपोषण मुक्त किया जा रहा है। कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमति तनूजा सलाम के निर्देशन में स्व सहायता समूह की महिलाएं रेडी-टू-ईट बनाकर आंगनबाड़ी में सप्लाई का कार्य निर्बाध रूप कर रही हैं।
ग्राम खुटेरी विकासखण्ड राजनांदगांव की जय माँ दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाएं रेडी-टू-ईट निर्माण का कार्य निर्बाध रूप से कर रही हैं। समूह में कुल 14 महिलाएं है, सभी महिला सदस्य 2-3 एकड़ जमीन पर खेती कार्य करते हैं जिससे खेती से प्राप्त उपज गुजर बसर के लिए ही हो पाती है साथ ही मजदूरी कार्य भी करते हैं किन्तु इतनी आय से परिवार का भरण पोषण सही ढंग से नहीं हो पाता है समूह की महिलाएं जब से रेडी टू ईट बनाने के कार्य से जुडी हैं तब से इन्हें अतिरिक्त आय हो रही है जिस से इन्हें परिवार के भरण पोषण में सुविधा हो रही है महिलाएं माह में करीब 15 दिन तक रेडी-टू-ईट निर्माण का कार्य करती हैं।
एन.आर.एल.एम. योजना के समूह को आर्थिक सहायता के रूप में 15 हजार रूपए का चक्रीय निधि की अनुदान राशि एक लाख 60 हजार रूपए की सी.आई.एफ. राशि एवं 2 लाख 10 हजार रूपए न्यूनतम ब्याज दर पर बैंक लोन दिलाया गया ताकि समूह के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध रहे। समूह द्वारा प्रति माह लगभग 35 क्विंटल रेडी-टू-ईट का निर्माण किया जाता है रेडी-टू-ईट के निर्माण में 42 रूपए प्रति किलो की लागत आती है, निर्माण में लगने वाले सभी सामग्री जैसे अनाज, तेल, नमक, गुड़ इत्यादि बाजार से थोक रेट में खरीदते हैं, रेडी-टू-ईट निर्माण में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है सभी सदस्यों की जिम्मेदारी तय होती है जिसका सभी सदस्य पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करते हैं तैयार रेडी-टू-ईट को पैकेजिंग कर आबंटित आंगनबाड़ी में सप्लाई की जाती है सप्लाई के पश्चात् 50 रूपए प्रति किलो ग्राम की दर से महिला बाल विकास विभाग द्वारा समूह को भुगतान किया जाता है। सभी तरह के आय व्यय का नियमित हिसाब किताब पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाता है आय व्यय वर्ष सी.ए. ऑडिट भी कराया जाता है जो समूह के सुव्यवस्थित संचालन को प्रदर्शित करता है। ऑडिट रिपोर्ट समूह की बैठक में प्रस्तुत की जाती है एन.आर.एल.एम. योजना के आधिकारियों द्वारा नियमित अंतराल में भ्रमण कर समूह की गतिविधि एवं आय व्यय का निरीक्षण किया जाता है तथा आवश्यक सुझाव दिया जाता है।
प्रति माह 35 क्विंटल रेडी-टू-ईट का निर्माण किया जाता है प्रति किलो 42 रूपए की दर से 35 क्विंटल के निर्माण पर 1 लाख 47 हजार रूपए की लागत आती है सप्लाई के एवज में 50 रूपए की दर से 1 लाख 75 हजार रूपए का भुगतान प्राप्त होता है इस प्रकार लागत घटाकर प्रतिमाह 28 हजार की शुद्ध आय प्राप्त हो जाती है। समूह की महिलाएं इससे आत्मनिर्भर और सशक्त बनी है। अपने परिवार के भरण पोषण, बच्चों की शिक्षा एवं अन्य कार्य में आर्थिक सहयोग दे रही है।