राज्य के जिला मुख्यालय में संचालित लॉन्ड्री व्यवसायिक अपने जीविका के लिए चिंतित है यहां तक कि वह अपने कर्मचारियों को घर बैठे वेतन दे रही है। कर्मचारी भी कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि काम चले ना चले वेतन देना ही होगा जबकि वैश्विक महामारी करोना के कारण तालाबंदी है। लॉन्ड्री, ड्रायक्लीनर्स व्यवसायी और फुटपाथ में प्रेस करने वाले अनेक सदस्य धोबी समाज के प्रदेश अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग नेता श्री सूरज निर्मलकर से सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए सोशल मीडिया में रूबरू होते हुए चर्चा की और अपनी आपबीती सुनाते हुए मांग को उचित फोरम में उठाने की मांग रखी। समाज के सदस्यों और लॉन्ड्री संचालकों की बात को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश के समाज जन परेशान हैं जिसके लिए सरकार भी निश्चित रूप से गम्भीर होगी। कर्नाटक सरकार ने पैतृक व्यवसाय करने वालों के लिए ₹ 5000 rupaye ki राशि सुनिश्चित की है, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव, उद्योग मंत्री कवासी लखमा महापौर एजाजढेबर सामाजिक सोच रखने वाले राजनेता है और पौनी पसारी जातियों को वह विशेष रूप से जानते हैं और देखते चले आ रहे हैं। वह हर ग्रंथ का ज्ञान रखते हैं और विज्ञान के युग को भी समझते हैं। हम संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं और समाज के एक भी परिवार को भूखे मरने की नौबत नहीं आएगी सब का इंतजाम किया जाएगा। चर्चा करने वालो में प्रमुख रूप से समाज के प्रादेशिक महामंत्री चंद्रहास निर्मलकर, लोकेश रजक, गंगा निर्मलकर, ड्रायक्लीन व्यवसायी विपिन खुराना, अभय निर्मलकर, शौर्य कोठारी, पप्पू चौधरी, हेमन्त निर्मलकर, यशवंत निर्मलकर, नरेंद्र चौधरी, मनाराम निर्मलकर, अमित बलभद्र सहित अनेक लॉन्ड्री संचालक एवं कर्मचारी शामिल थे। समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने सभी संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए समझाइस दी और धीरज रखने के लिए कहा।
लॉन्ड्री व्यवसायी तालाबंदी से चिंतित,पैतृक व्यवसायियों को भूखे मरने की नौबत- सूरज निर्मलकर
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