
पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया (Tanzania) में टेस्ट के दौरान बकरी (Goat) और पपीते जैसे एक खास फल पॉपॉ (pawpaw) को भी कोरोनावायरस पॉजिटिव (Coronavirus Positive) बता दिया गया. इसको लेकर राष्ट्रपति जॉन मागुफुली (John Magufuli) ने टेस्ट किट पर सवाल उठाए हैं और जांच के आदेश दिए हैं.
तंजानिया में रविवार को एक बकरी और एक खास तरह का फल पॉपॉ में कोरोनावायरस के होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने कहा कि टेस्ट किट सही नहीं है और उसकी जांच होनी चाहिए.
‘टेस्ट किट में है खराबी’
राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने कहा, “हमारे यहां विदेश से कोरोनावायरस की टेस्ट किट आई हैं, जो गड़बड़ हैं. ऐसा कैसे हो सकता है कि पॉपॉ फल और बकरी भी कोरोना पॉजिटिव निकले.’
उन्होंने इसे लेकर सेना को कहा है कि टेस्ट किट की जांच कराएं, क्योंकि जांच करने वाले लोगों ने इंसानों के अलावा भी सैंपल जमा किए थे.
वहीं, तंजानिया के विपक्ष ने सरकार पर संक्रमण के नए मामले और मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है. विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसा सरकार ने कोरोनावायरस के मामलों को दबाने के लिए किया है.
‘मेडागास्कर से मंगवाई है Covid-19 की हर्बल दवा’
राष्ट्रपति मागुफुली ने यह भी कहा है कि उन्होंने मेडागास्कर से Covid-19 की हर्बल दवा कोविड ऑर्गेनिक्स मंगवाई है. इसके लिए वे एक प्लेन भी भेज रहे हैं.कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे विश्वभर के 187 देशों एवं क्षेत्रों में अब तक 257239 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 3662691 लोग संक्रमित हुए हैं।
भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस संक्रमण से अब तक 49391 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 1694 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 14183 लोग इसके संक्रमण से पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गये आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोरोना वायरस से दुनिया में सर्वाधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा यहां सबसे अधिक मौतें भी हुई हैं। विश्व की महाशक्ति माने-जाने वाले अमेरिका में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा 71064 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोप में गंभीर रूप से प्रभावित देश इटली में इस महामारी के कारण अब तक 29315 लोगों की मौत हुई है और अब तक 213013 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। स्पेन कोविड-19 के संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। यहां अब तक 219329 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 25613 लोगों की इसके कारण मृत्यु हो चुकी है।
इस वैश्विक महामारी के केंद्र चीन में अब तक 83968 लोग संक्रमित हुए हैं और 4637 लोगों की मृत्यु हुई है। इस वायरस को लेकर तैयार की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में हुई मौत के 80 प्रतिशत मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के थे।
इस बीच, कोरोना वायरस से संक्रमण और मौत के मामले में यूरोपीय देश फ्रांस और जर्मनी में भी हालात काफी खराब हैं। फ्रांस में अब तक 170687 लोग संक्रमित हुए हैं और 25537 लाेगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में कोरोना वायरस से 167007 लोग संक्रमित हुए हैं और 6993 लोगों की मौत हुई है।
इसके अलावा ब्रिटेन में भी हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। यहां अब तक इस महामारी से 196243 लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक 29501 लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 129491 हो गयी है तथा इससे अब तक 3520 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित खाड़ी देश ईरान में करीब एक लाख लोग इससे संक्रमित हुए हैं जबकि 6340 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
अन्य देशों की भांति रूस में भी कोविड-19 का प्रकोप लगातार तेजी से बढ़ रहा है। रूस में कोरोना संक्रमण के मामले डेढ़ लाख के पार पहुंच गये हैं। वहां अब तक 155370 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 1451 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हुई है।
कोरोना से बेल्जियम में 8016, ब्राजील में 7938, नीदरलैंड में 5185, कनाडा में 4190, स्वीडन में 2854, मैक्सिको में 2507, स्विट्जरलैंड में 1795, आयरलैंड में 1339 और पुर्तगाल में 1074 लोगों की मौत हो गयी है।
इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोराेना वायरस के अब तक 22049 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और इसके कारण 514 लोगाें की मौत हुई है।
कोविड ऑर्गेनिक्स को मालागासी इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड रिसर्च ने आर्तेमिसिया के प्लांट में तैयार किया है. अभी तक इसकी लैब टेस्टिंग नहीं हुई है. मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्रे राजोलिना ने पिछले दिनों कहा था कि इस दवा से कोविड-19 के कई मरीज ठीक हुए हैं और जो बच्चे स्कूल लौट रहे हैं, उन्हें दवा अनिवार्य रूप से दी जाएगी.
बता दें कि तंजानिया में बाकी देशों की तरह सख्त पाबंदियां और लॉकडाउन नहीं लागू है. कुछ दिनों पहले एक वीडियो सामने आया था जिसमें शवों को चोरी-छिपे दफनाया जा रहा था. इसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि सरकार कोरोना से जुड़ी सही जानकारियां सामने नहीं आने दे रही है.