राजनांदगांव : शिक्षकों की गैर शिक्षकीय ड्यूटी, 50 लाख रुपए बीमा कवर की मांग…

राजनांदगांव । शिक्षकों की गैर शिक्षकीय ड्यूटी का अक्सर विरोध होता है फिर भी प्रशासन शिक्षकों की मांग को अनसुना कर रहा है। अभी भीषण कोरोनाकाल में शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी लगा दी गई है । इसका परिणाम यह है कि विगत पंद्रह दिनों में तीस से ज्यादा शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इससे प्रशासन के निर्णय पर सवाल खड़े हो रहे हैं ।

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गौरतलब है कि जिले में लगभग पांच हजार शिक्षक, व्याख्याता कार्यरत हैं। उनकी गैर शिक्षकीय कार्यों में ड्यूटी लगा दी जाती है । इसका पुरजोर विरोध होता रहा है। इसके बावजूद प्रशासन शिक्षकों के हितों को नजर अंदाज करते रहा है । अभी हाल में जब कोरोना भयावह रूप धारण किए हुए हैं, तब स्कूल बंद होने पर शिक्षकों की कोरोना ड्यूटी लगा दी गई है। उन्हें कान्टैक्ट ट्रैसिंग, शवों को डिस्पोज करने में मदद करने और घर घर जाकर बच्चों को सूखा राशन प्रदान करने की ड्यूटी सौंपी गई है।

इन दिनों कोरोना के अत्यधिक मामले सामने आ रहे हैं । न केवल शहर बल्कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं । शहर में यह आंकड़ा लगभग तीन सौ तक पहुंच गया है । जिले के विभिन्न ब्लाकों में पांच-छह सौ मरीज मिल रहे हैं। घर घर में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को कान्टैक्ट ट्रेसिंग में जाने पर उनके संक्रमित होने का खतरा है । सूखा राशन बांटने के लिए भी उन्हें विद्यार्थियों के घरों में जाना पड़ता है जिसमें भी काफी जोखिम है । इसी प्रकार का खतरा कोरोना संक्रमितों के शवों के डिस्पोज कराने में है ।

उक्त कार्यों के लिए शिक्षकों को सुरक्षा के पर्याप्त चीजें भी उपलब्ध कराई जाती है । विगत पंद्रह दिनों में जिले में लगभग 30 शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है । लेकिन प्रशासन शिक्षकों को स्वास्थ्य कर्मियों की भांति बीमा कवर भी प्रदान नहीं कर रहा है। शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों के लिए 50 लाख का बीमा कवर प्रदान करने की मांग की है ।