राजनांदगांव : आयुक्त ने किया कन्हारपुरी में एम.एम.यू. वेन का निरीक्षण…

दिग्विजय कॉलेज के पास बीमार मरीज को एम.एम.यू. वेन के माध्यम से अस्पताल पहुचाने पर टीम को दिये शाबासी

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राजनांदगांव 21 फरवरी। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत नगर निगम सीमाक्षेत्र मंे प्रतिदिन 4 मोबाईल मेडिकल यूनिट वेन के माध्यम से 4-5 स्थानों पर स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा का वितरण किया जाता है। इसी कडी में आज 4 स्थानों पर कर रहे स्वास्थ्य परीक्षण में नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने आज कन्हारपुरी में लगे एम.एम.यू. वेन का निरीक्षण कर स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध मेे जानकारी ली। साथ ही सागर पारा में स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे एम.एम.यू. वेन द्वारा दिग्विजय कालेज के पास बीमार मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे एम.एम.यू. वेन के माध्यम से जिला चिकित्सालय लेजाने पर शाबासी देते हुये टीम के कार्यो की सराहना किये।


आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी आज प्रातः कन्हारपुरी में स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे एम.एम.यू. वेन का निरीक्षण कर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे, चिकित्सकों से कहा कि प्रतिदिन निर्धारित समय तक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर पौथेलाजी जॉच की रिपोर्ट त्वरित देवें, कोरोना के संबंध में सावधानी बरतने जानकारी देवे, उन्होंने एम.एम.यू. वेन चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों से कहा कि मरीजो के ईलाज में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इन बातो का विशेष ध्यान रखा जाये।

निरीक्षण के दौरान जानकारी दी गयी कि ओमश्वरी वर्मा आयु 18 वर्ष पिता श्री उत्तम वर्मा खैरागढ़ निवासी दिग्विजय कॉलेज के सामने जमीन पर बेहोशी की स्थिति में पायी गयी। सागर पारा के पास स्वास्थ्य परीक्षण कर रही एम.एम.यू. टीम को जैसे ही यह पता चला कि मरीज बेहोश हो गई है स्टाफ एवं डॉक्टर के द्वारा उनके पास जाकर मरीज का हालात चेक किया गया।

मरीज के पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा था तथा वो बैठने के हालत में भी नही थी तथा उन्हें वहा से उठा कर एम.एम.यू. में लेजाकर लेटाया गया उनका पल्स और सी.बी.सी. चेक किया गया एवं उन्हें पेट दर्द की दवाई और ग्लूकोज दिया गया फिर भी उनके हालात में सुधार नहीं होने पर एम.एम.यू. के डॉक्टर युवराज सिंह के द्वारा मरीज को रेफर का सुझाव दिया गया।

एम.एम.यू. के लोकेशन से जिला अस्पताल नजदीक है, एम.एम.यू. ने एंबुलेंस के आने का इंतजार ना करते हुए मरीज को जिला अस्पताल तक तत्काल पहुंचाया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहॉ उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया गया। उनके इस कार्य पर डॉ. चतुर्वेदी ने टीम को शाबासी देते हुये उनके कार्यो की सराहना किये।