गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य देशों का विशेष शिखर सम्मेलन 4 मई को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया. इस ऑनलाइन सम्मेलन सदस्य देशों के राष्ट्रध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन का आयोजन अजरबेजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेफ की पहल पर किया गया था. अजर बेजान इस समय गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
इस वर्चुअल सम्मेलन में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सदस्य देशों के बीच समन्वय के तरीकों पर चर्चा की गयी. सम्मेलन का समापन कोविड-19 के खिलाफ गुटनिरपेक्ष आंदोलन के देशों की एकता की राजनीतिक घोषणा के साथ हुआ.
गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के बारे में जाने
NAM, Non-Aligned Movement (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) का संक्षिप्त रूप है. NAM संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा बड़ा राजनीतिक संगठन है. इसके साथ एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 120 विकासशील देश जुड़े हुए हैं. इसकी स्थापना अप्रैल,1961 में हुई थी. भारत NAM का संस्थापक सदस्य रहा है.
इसका जन्म तब हुआ था, जब दुनिया पूरी तरह से अमेरिकी और पू्र्व सोवियत गुट में बंटा हुआ था. उस समय NAM देशों ने निश्चय किया था, कि विश्व के वे किसी भी गुट के साथ या विरोध में नहीं (गुटनिरपेक्ष) रहेंगे.
यह आंदोलन भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर, युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप बरोज़ टीटो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डाॅ सुक्रणों एवं घाना के राष्ट्राध्यक्ष क्वामें एन्क्रूमा ने आरंभ किया था.