- मोटिवेशनल – कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, डर-डर कर नौका पार नहीं होती। कोराना के इस भीषण समय में अब अपना और अपनों के खयाल रखने की और भी जरूरत है। जिस तरह से देश मे लगातार केस बढ़ते जा रहे हैं, एहतियात और बढ़ा देने की आवश्यक्ता है। जिन परिवारों में कोरोना पहुंचा है, वहां की सबसे बड़ी समस्या है, भय। उस ट्रोमा से निकल पाना बड़ा मुश्किल है कि अब क्या होगा? ऐसे वक्त में सकारात्मक सोच बहुत ही कारगर है। अच्छा पढ़िए, अच्छा सुनिए और अच्छा देखिए। दुनिया में सकारात्मक सोच के लिए लाखों लोगों ने असंख्य बातें कही हैं, इस समय उन पर नजर डालिए, जो जीवन को एक दिशा दें।
लक्ष्मीनारायण मिश्र के शब्द उधार लूं, तो जीतता वही है जिसमें शौर्य होता है। धैर्य होता है, साहस होता है, सत्य होता है।
वहीं हरिवंश राय बच्चन साहब कहा करते थे- मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा। क्योंकि जब आपके मन का नहीं हो रहा होता, तो किसी और के मन का हो रहा होता है और वो कोई और नहीं ईश्वर होते हैं। अब अगर ईश्वर के मन का हो रहा है, तो वो आपके लिए भी अच्छा ही साबित होगा।
यहीं हिन्दी साहित्य के सम्राट प्रेमचंद जी की लिखी बात भी याद आ रही है। प्रेमचंद कहते हैं- कड़वी बात भी अगर हंसकर कही जाए, तो वो मीठी हो जाती है। महान क्लासिकल नाटककार शेक्सपीयर ने कहा है कि संतोष ही हमारी सर्वोत्तम संपत्ति है। अत: इधर-उधर के प्रपंच में मत उलझिए, जिस काम में संतोष मिले, वही कीजिए।
लिंकन भी आपसी माधुर्य बनाए रखने पर उच्च विचार रखते हुए कह गए हैं- अपनी गलती मान लेना चरित्र का सर्वोत्तम लक्षण है।
गेटे कहते हैं- आशा प्रयत्शील मनुष्य के लिए है। अपने आसपास के ऐसे लोगों को पहचानिए, जिन्होंने सकारात्मकता को आत्मसात कर रखा है। ऐसे लोगों से दिल की बात कहिए। दिल में आ रही नकारत्मक भावनाओं को साझा कीजिए, ताकि वो आपके निगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव में बदल दें।