VISION TIMES : भारती विश्वविद्यालय दुर्ग में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार-सह-कार्यशाला का आयोजन…

दुर्ग: भारती विश्वविद्यालय दुर्ग में “ रिसर्च एण्ड पब्लिकेशन इथिक्स ” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार-सह-कार्यशाला का आयोजन दिनांक 25 से 26 अगस्त 2022 तक किया जा रहा है। सेमिनार के पहले दिन उत्घाटन सत्र और तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में जिजांग विश्वविद्यालय, चीन (China) के काॅलेज आफ एग्रीकल्चर एण्ड बायोटेक्नोलाॅजी के इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूक्लियर एग्रीकल्चरल साइंस में रिसर्च साइंटिस्ट डाॅ. रामासामी राजेश कुमार उपस्थित थे। डाॅ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि भारत की पहचान स्पेस रिसर्च, आई.टी सेक्टर, साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी इत्यादि क्षेत्रों में शोध के कारण पूरे विश्व में बनी है।

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उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान अपने अधोसंरचना, बिल्डिंग इत्यादि के कारण नहीं पहचाना जाता बल्कि वहां शोध किस स्तर का हो रहा है उससे उसकी पहचान बनती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है, यहां शोध के लिए अनुकूल वातावरण है। रिसर्च इथिक्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि शोध में रिसर्च इथिक्स का बहुत महत्व है। वर्तमान समय में प्लेगरिज्म एक बहुत गंभीर समस्या है। शोधार्थियों को इससे बचना चाहिए।


विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुशील चंद्राकर ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि संगोष्ठी के परिणाम निश्चित तौर पर लाभदायक होंगे। कुलपति डाॅ. एच.के. पाठक ने कहा कि बहुत ही प्रासंगिक विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, इससे शोधार्थियों को अपने शोध में मदद मिलेगी। कुलसचिव डाॅ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार ने कहा कि शोध में नैतिकता पहली शर्त है इसके बिना शोध का कोई महत्व नहीं है।


आरंभ में विधि संकाय के डीन डाॅ. के.के. दलाई ने अतिथियों का स्वागत एवं सेमिनार विषय प्रवर्तन किया। डीन अकादमिक प्रो. आलोक भट्ट ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन जुलाॅजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. समन सिद्धिकी ने किया। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन समिति में डाॅ. निधी वर्मा, डाॅ. नम्रता गेन, डाॅ. समन सिद्धिकी, डाॅ. एम. आराधना बारा, डाॅ. रूचि सक्सेना, डाॅ. जिज्ञासा पांडेय, डाॅ. वन्दना श्रीवास, डाॅ. नीरजा सहस्रबुद्धे, डाॅ. भावना जंग्घेल, डाॅ. स्मृति खारा, डाॅ. संचिता चटर्जी, डाॅ. हितेन्द्र लाउरे शामिल हैं। इस अवसर पर डाॅ. मुकेष कुमार राय, डाॅ. गुरु सरन लाल, डाॅ. मनोज घोष, डाॅ. रोहित कुमार वर्मा, डाॅ. स्नेह कुमार मेश्राम, डाॅ. ललित पी. भईया, डाॅ. उदय अड़ाउ, डाॅ. प्रशांत कुमार सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापकगण, शोधार्थी, प्रतिभागी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।