राजनांदगांव- जिला पंचायत सभापति अशोक देवांगन ने सुखा प्रभावित ग्राम सुकुलदैहान, बम्हनी, धनगांव, गातापार, बागतराई, धर्मापुर, बरगाही व लिटिया में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर मुख्यमंत्री व कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया है। श्री देवांगन ने कहा कि प.ह.न. 27 व 30 के उक्त सभी ग्रामों में सिंचाई का साधन नहीं होने से खरीफ व रबी की फसल अच्छे व बुरे मानसून पर निर्भर हैं । वर्ष 15-16 सभी ग्राम का नाम सबसे अधिक सूखा प्रभावित ग्रामों में सम्मिलित हैं । सूखा प्रभावित ग्रामों का निरीक्षण करने आई केन्द्र सरकार के दल के समक्ष ग्रामवासियों द्वारा ग्राम में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में मांग की गई हैं ।

ग्रामवासियों के बताये अनुसार इन समस्त ग्रामों में सिंचाई सुविधा एकमात्र नहर – नाली से ही संभव है । उनके द्वारा इस संबंध में सुझाव भी दिया गया है । जो कि बिन्दुवार निम्नानुसार हैं : 1. उक्त सभी ग्रामों में खैरबना जलाशय से नहरनाली के माध्यम से पानी लाया जा सकता है । 2. उक्त जलाशय से दो मुख्य नहर हैं । पहली नहर में पानी छोड़ने पर एक मात्र ग्राम पलान्दुर तक ही नहर नाली बनाकर ग्राम में सिंचाई किये जाने की व्यवस्था उपलब्ध हैं । दूसरी नहर में पानी छोड़ने पर मुख्य नहर से ग्राम सहसपुर – जारवाही ग्राम सलटिकरी, ग्राम रूवातला, ग्राम कसारी व सहायक नहर नाली से ग्राम ठेकवा व ग्राम कन्हारडबरी में सिंचाई किये जाने की व्यवस्था उपलब्ध हैं । 3. ग्राम कसारी से लगा हुआ ग्राम सुकुलदैहान हैं । ग्राम कसारी बस्ती से ग्राम सुकुलदैहान बस्ती की दूरी लगभग 2 कि.मी. हैं । 4. उक्त जलाशय का मुख्य नहरनाली जो कि ग्राम कसारी तक निर्मित हैं उसे आगे बढ़ाकर प.ह नं . 27 व 30 के समस्त ग्रामों में मुख्य व सहायक नहर नाली निर्मित कर पूरे क्षेत्र में सिंचाई उपलब्ध की जा सकती हैं । यह कि खैरवना जलाशय में पानी संग्रहण का मुख्य स्त्रोत नाला हैं । इस नाले को ग्रामवासी तीन अलग – अलग नामों से संबोधित करते हैं । टेरीनाला या छपारा नाला या करेला नाला ।
वर्तमान में जलाशय का उलट 22 फीट की ऊँचाई पर है जिसे और दो फिट बढाया जा सकता है , जिससे जलाशय में पानी भंडारण की क्षमता में वृद्धि होगी । अब यदि सिंचाई हेतु ग्राम की शेष संख्या बढ़ेगी तो उस जलाशय में सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी लाने के संबंध में भी बताये गये हैं जो कि निम्नानुसार है : ( अ ) प्रधानपाठ बैराज से एक केनाल बनाकर ग्राम टिंगामाली ग्राम दैहान होते हुए भण्डारपुर बनबोड करेला में बाँध निर्मित हैं वहां पानी पहुंचा दें वहाँ से पानी करेला ग्राम के दक्षिण दिशा में नाला हैं वहाँ पानी छोड़ने पर पानी सीधे खैरवना जलाशय में पहुंच जायेगा । या ( ब ) बरनारा एनिकट बना हुआ है उसका एक केनाल ग्राम घोटिया तक बना हुआ हैं पश्चात् बीच में एक पहाड़ आने से तत्कालिन ठेकेदार ने काम छोड़ दिया । यदि पहाड़ के भीतर या पहाड काटकर उक्त एनिकट का पानी छोड़ने पर पानी सीधे खैरबना जलाशय में पहुंच जायेगा ।
इस प्रकार इन सूखाग्रस्त ग्रामों में शासन चाहे तो नहरनाली के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध की जा सकती हैं। श्री देवांगन ने आगे कहा कि किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने से किसानों के परिवार में जीवन यापन करने में बहुत बड़ी सुविधा होगी इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने से अनेकों तरक्की होगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।