
राजनांदगांव – अक्षय तृतीया पर्व पर अंचल में हर्षोल्लास एवं श्रद्धा-भक्ति का माहौल रहा। इस मौके पर भगवान परशुराम का जन्मदिन पूजा- अर्चना के साथ मनाया गया। वहीं घर-घर में बच्चों ने परिजनों के साथ गुड्डा-गुडिया का विवाह रचाकर मंगल कामना की।
भगवान परशुराम जन्मोत्सव को अक्षय तृतीया उक्ती पर्व मनाया गया। इस मौके पर जहां मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। वहीं मारवाडी ब्राम्हण समाज द्वारा परशुराम भवन मठपारा में सुबह विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। दोपहर बाद शहर के बालाजी मंदिर गंज लाईन से भगवान परशुरामजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस मौके पर विधि-विधान से पूजा- अर्चना की गई। तत्पश्चात बाजे-गाजे व भजन-कीर्तन के साथ निकली शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। वहीं भगवान परशुराम के जयकारों की गूंज रही।
देर शाम तक वैवाहिक कार्यक्रम
इधर अंचल में घर-घर में पारंपरिक रूप से बच्चों ने परिजनों के साथ मिलकर गुडा-गुडिया का विवाह रचाया। इसके लिए बच्चों ने जहां घर-आंगन में छोटे-छोटे मंडप बनाए थे। वहीं बाजे-गाजे के साथ मिट्टी के दूल्हे की बारात निकालकर गुडिया से विवाह रचाया। इस मौके पर आसपास के लोगों को भी कार्यक्रम में शामिल होने आमंत्रित किया गया था। आज सुबह से ही बच्चे इसकी तैयारियों में जुटे हुए थे। देर शाम तक बच्चे और उनके परिजन गुड्डा-गुडिया का विवाह रचाने व्यस्त रहे। इस मौके पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर घर-परिवार में मांगलिक आयोजन होने की कामना की गई। पर्व के दौरान अंचल में हर्षोल्लास का माहौल रहा। अक्षय तृतीया पर्व को महामुहूर्त मानते हुए कई लोगों ने वैवाहिक आयोजन भी किए।