राजनांदगांव: आरोपियों की कठपुतली और लोकतंत्र की हत्यारी बन गई है यूपी सरकार- रूपेश दुबे,घटना को अब सामाजिक रंग देने पर तुली भाजपा…

राजनांदगांव- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के महामंत्री एवं जिला कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता रूपेश दुबे ने हाथरस की घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब प्रमाणित रुप से यह साबित हो गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार आरोपियों और उनके हितैषीयो के इशारे पर काम कर रही है और प्रशासनिक आतंकवाद का यूपी जिस प्रकार से बोलबाला है उसके विरोध में राहुल गांधी जी एवं प्रियंका गांधी जी हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मिल कर हालचाल जानना चाहते थे लेकिन प्रजातांत्रिक मूल्यों का भी गला घोटते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया।

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महामंत्री व प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कहा कि मनीषा बाल्मीकि घटना को राजनीतिक रंग से जोड़ा जाना पूर्णता गलत है लेकिन पीड़िता की मृत्यु के बाद प्रशासनिक संरक्षण में मान्यताओं के विपरीत रात के अंधेरे में परिजनों को भी दूर रखकर दाह संस्कार किया गया उसके विरोध में देश के युवा नेतृत्व राहुल गांधी जी एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी जी इस प्रक्रिया का विरोध कर पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने जाना चाहते थे लेकिन प्रशासनिक अमला अपने कृतियों को छुपाने के लिए उन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया अब मामला पूरी तरह से साफ है कि उत्तर प्रदेश की सरकार आरोपी के हितेषीयो के इशारे पर काम कर रही है आरोपियों के पड़ोस के गांव में एक सामाजिक बैठक में यह बात खुलकर सामने आया कि उन्हीं के कहने पर एसआईटी का गठन किया गया और उन्हीं के कहने पर नारकोटेस्ट भी किया जाना है उसके तत्काल बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपीयो एवं पीड़िता के परिजनों का नारको टेस्ट करने का फरमान जारी कर दिया ।


जब जब पीड़िता के साथ पहले ही अपराध की प्राथमिकी दर्ज कर दी गई थी और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो गई थी उसके बाद पीड़िता की मृत्यु होने और आनन-फानन में मिट्टी तेल डालकर उसकी चिता को आग के हवाले करने का अमानवीय खेल उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में वहां की पुलिस ने की थी तो एसआईटी जांच पुलिस प्रशासन ने यह कार्य किसके कहने पर और क्यों किया इस बात पर होनी चाहिए ना की पीड़िता के परिवार और आरोपियों के नारको टेस्ट पर एसआईटी के द्वारा भी पंचायत की बैठक अनुसार मांग नारको टेस्ट कराने का आदेश देना पूरी एसआईटी की कार्य पद्धति पर प्रश्नचिन्ह लगाता है और ऐसे हालात में यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है वहां सिर्फ भगवा आतंकवाद का राज है। खुद को फंसती देख यू पी सरकार मामले को सवर्ण और दलित समाज की लड़ाई बनाने का ताना बाना बुन दी है।