नई दिल्ली. सबसे बड़े सुधारों में से एक के रूप में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) यूनिक क्लाउड आधारित एवं आर्टिफिासियल इंटेलीजेंस संचालित बिग डाटा एनालिटिक्स प्लेटफार्म-डाटा लेक एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट साफ्टवेयर के लांच के साथ ‘पूरी तरह डिजिटल‘ हो गया है। एनएचएआई का समस्त परियोजना प्रबंधन कार्य प्रवाह मैनुअल से ऑनलाइन पोर्टल आधारित में रूपांतरित हो गया है, जिसमें ‘वर्कफ्लो विद टाइमलाइंस‘ एवं ‘अलर्ट मैकेनिज्म‘ सहित संपूर्ण परियोजना निष्पादन प्रचालनों का विन्यास किया गया है। सभी परियोजना दस्तावेजीकरण, अनुबंधात्मक निर्णय एवं मंजूरी अब केवल पोर्टल के जरिये ही किए जा रहे हैं।

एडवांस एनालिटिक्स के साथ, डाटा लेक साफ्टवेयर विलंबों, संभावित विवाद का पूर्वानुमान लगायेगा एवं अग्रिम अलर्ट देगा। इस प्रकार, निर्णय निर्माण को त्वरित करने के अतिरिक्त, यह सटीक और सही समय पर निर्णय लिए जाने को भी सुगम बनायेगा क्योंकि सिस्टम द्वारा ऐतिहासिक डाटा पर आधारित विभिन्न विकल्पों के वित्तीय प्रभावों का अनुमान लगाने की संभावना है। इससे बहुत से विवादों में कमी आएगी।
एनएचएआई का दावों एवं प्रतिदावों की भारी राशि के साथ बड़ी संख्या में लंबित पंचनिर्णय मामलों का इतिहास रहा है। अधिकांश विवाद प्रकृति में सामान्य रहे हैं जैसे ऋणभार मुक्त साइट की सुपुदर्गी में विलंब, यूटिलिटीज की शिफ्टिंग, प्लांट के निष्क्रिय प्रभार, मशीनरी, उपकरण, श्रमबल एवं निर्णय लेने में देरी आदि। इन विवादों को कम किया जा सकता है क्योंकि डाटा लेक सॉफ्टवेयर में इन सभी बाधाओं को ट्रैक करने एवं जांच करने का प्रावधान है और यह सुनिश्चित करेगा कि कार्य पारदर्शी तरीके से समयसीमा के भीतर संपन्न हो जायें। चूंकि सभी प्रक्रियायें पोर्टल आधारित होंगी, निर्णय निर्माण त्वरित गति से होगा एवं अंततोगत्वा भविष्य में मुकदमेबाजी की संभावना कम हो जाएंगी।
संपूर्ण परियोजना दस्तावेज एवं पत्र व्यवहार जीआईएस टैगिंग एवं यूनिक प्रोजेक्ट आईडी के साथ लिंक्ड क्लाउड आधारित ‘डाटा लेक‘ में डिजिटल फौर्मेट में स्टोर्ड रहेंगे जिससे कि जब कभी किसी भी लोकेशन से आवश्यकता पड़े तो प्रोजेक्ट डाटा को आसानी से वापस पा लिया जा सके। एनएचएआई के सभी अनुबंधकर्ता/छूटग्राही/परामर्शदाता/ प्राधिकरण इंजीनियर (एई)/स्वतंत्र इंजीनियर (आई) एवं परियोजना निदेशक (पीडी)/क्षेत्रीय अधिकारियों ने पहले ही व्यापक रूप से इसका उपयोग करना आरंभ कर दिया है। एनएचएआई का ई-आफिस मोड्यूल भी प्रणाली में समेकित है जिससे कि सभी पत्र व्यवहार निर्बाधित तरीके से फील्ड यूनिट से हेडक्वार्टर में सुरक्षित तरीके से डिजिटली फ्लो कर सकें।
वर्तमान कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में जब अधिकांश संगठन कामकाज में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, एनएचएआई के कर्मचारी बिना किसी शारीरिक संपर्क के एवं भौतिक रूप से फाइलों को छूए बगैर बिना डर के अबाधित और प्रसन्नतापूर्वक अपना काम कर रहे हैं। बल्कि लॉकडाउन अवधि का उपयोग एनएचएआई द्वारा अपने कर्मचारियों को डाटा लेक के उपयोग के बारे में प्रशिक्षित करने में किया गया।
डाटा लेक कोई विलंब नहीं, त्वरित निर्णय लेने, रिकार्ड के न खोने, कहीं से भी/किसी भी समय कार्य करने के लाभों के साथ एनएचएआई में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह पारदर्शिता लाएगा क्योंकि परियोजना से जुड़े सभी अधिकारी और हितधारक देख सकते हैं कि रियल टाइम आधार पर क्या हो रहा है जो वरिष्ठों द्वारा समवर्ती निष्पादन लेखा परीक्षा के बराबर होगा।