कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित होगा प्रदेश का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट….

सहकारित मंत्री श्री टेकाम ने आज एथनॉल प्लांट के लिए चिन्हांकित स्थल का जायजा लिया, प्लांट के भूमिपूजन की तैयारी शुरू

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कवर्धा, 17 अगस्त 2021। राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की जाएगी। एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए प्रदेश के प्रथम भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली भूखंड 35 एकड़ भूमि को चिन्हांकित किया गया है। राज्य शासन के सहकारिता विभाग ने एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए डाईग्राम भी तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा वर्चुअल के माध्यम से शीघ्र ही राज्य के पहला एथनॉल प्लांट का भूमिपूजन किया जाएगा।

सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम सिंह टेकाम ने आज यहां एथनॉल प्लांट के लिए चिन्हांकित स्थल का निरीक्षण और कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा को भूमिपूजन की आवश्यक तैयारियां करने के लिए कहा है। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री टेकाम के साथ पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्रांकर, सहकारिता विभाग के विशेष सचिव श्री हेमशिखर गुप्ता, संयुक्त पंजीयक श्री मुकेश धु्रव, श्री निलकंठ चंन्द्रवंशी, श्री मुकुंद माधव कश्यप, श्री लाल बहादुर चंद्रवंशी, श्री राजेश शुक्ला, श्री प्रशांत परिहार, श्री अकाश केशरवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपिस्थत थे।

सहकारित मंत्री श्री टेकाम ने स्थल निरीक्षण के बाद जिले के दोनो सहकारी शक्कर कारखाना के अधिकारियों की भोरमदेव शक्कर कारखाना में बैठक ली। एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए राज्य स्तर पर एवं जिले स्तर की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए निजी कंपनी के प्रतिनिधी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध 29 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री निवास में था। यह अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया।

इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।


सहकारित मंत्री श्री टेकाम ने बैठक में बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगाई जाएगी। किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा।

कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया। राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा जाएगी। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 40 के.एल.पी.डी. क्षमता के ईथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।


भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंधक श्री भूपेन्द्र ठाकुर और सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना के महाप्रबंध श्री सतीश पाटले ने पेराई और उत्पादिक शक्क्कर एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी।