प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से ऋण लेकर खुद का व्यवसाय किया स्थापित
कोण्डागांव- 01 अक्टूबर 2020/ कुछ लोग सिर्फ सपने देखते हैं और कुछ उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर मेहनत से उन सपनों को पूरा करते हैं। इसी प्रकार मेहनत से अपने सपनों को साकार करने की मिसाल हैं विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम कराटी आलवाड़ के कृषक परिवार में जन्मे बालचंद नेताम। बालचंद नेताम कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़ रोजगार तलाशने शहर की ओर चल पड़े थे। जहां उन्होंने वर्ष 1998 में 18 वर्ष की आयु से साइकिल रिपेयर शाॅप में कार्य करना प्रारंभ किया।
जिसके बाद वे मोटर साइकिल रिपेयर सेंटर में 7 वर्षों तक लगातार कार्य करते रहे। जहां प्रथम 3 वर्षों में केवल गाड़ी धोने का कार्य ही किया करते थे, परन्तु सीखकर आगे बढ़ने की ललक में उन्होंने देखकर ही रिपेयरिंग का काम सीखा। इसके बाद अगले 6 वर्षों तक अलग-अलग दुकानों में गाड़ियों को बनाने का कार्य किया। इन सभी वर्षों में उनके अंदर स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने की इच्छा प्रबल होती गई।
जिससे उन्होंने वर्ष 2010 से बाजार में दुकान खोलकर अपना छोटा व्यवसाय प्रारंभ किया। छोटे दुकान से ठेला और फिर जिला न्यायालय के समीप गुमटी लगाकर मोटर साइकिल रिपेयर का कार्य करते रहे। गुमटी से अपने व्यवसाय में वृद्धि करने की इच्छा से वे हमेशा प्रयासरत् रहे और इस प्रयास के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के संबंध में समाचार पत्रों एवं न्यूज चैनलों के माध्यम से जानकारी हुई। इसके पश्चात् उन्होंने कोण्डागांव के व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में जाकर योजना के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त की। जहां विभाग के अधिकारियों का उन्हें भरपुर सहयोग प्राप्त हुआ जिससे उन्हें इंडियन ओवरसीज बैंक द्वारा 8 लाख रूपये ऋण एवं 2.10 लाख का केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनुदान प्राप्त हुआ।
इसकी सहायता से उन्होंने बाजार रोड पर बने नगरपालिका काॅम्प्लेक्स में दुकान लेकर श्री सत्य सांई बालू आॅटो रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग सेंटर की स्थापना की। पूर्व में उनके पास केवल रिपेयरिंग का कार्य ही संभव हो पाता था परन्तु प्राप्त ऋण से उन्होंने दुकान में ही स्पेयर पार्ट्स रखने प्रारंभ किये जिससे उनकी आमदनी में दिन-प्रतिदिन इजाफा हुआ। जहां कभी एक छोटी सी दुकान के साथ एक-एक औजार उन्होंने कड़ी मेहनत के द्वारा जुगाड़े थे आज वही स्पेयर पार्ट्स एवं रिपेयरिंग सेंटर के मालिक बन गये हैं। आज उनकी दुकान का वार्षिक टनओवर 40 से 50 लाख रूपये है एवं मासिक रूप से उन्हें 50 से 60 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त होती है साथ ही उनके दुकान से 7 से 8 लोगों को नियमित रोजगार भी प्राप्त हुआ है।
इस संबंध में बालचंद नेताम बताते हैं कि शुरूआत में वह गांव से शहर तक काम के लिए 14 किमी रोजाना साइकिल से आना-जाना किया करते थे। तब से उन्होंने स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने का सपना देखा था जो आज पूरा हो गया है। उनके घर में 8 लोगों के परिवार में वे अकेले कमाने वाले सदस्य रहें हैं। शुरू से ही वे स्वाभिमानी प्रवृत्ति के रहे हैं एवं व्यवसाय स्थापना में उन्होंने कभी भी किसी अन्य व्यक्ति की सहायता नहीं ली। बैंक द्वारा ऋण प्राप्त होने से उन्हें ना केवल अपने व्यवसाय के विस्तार में सहायता मिली और उन्हें किसी अन्य के आश्रित भी नहीं रहना पड़ा। योजना द्वारा उन्हें 3 साल की अवधि के लिए ऋण 2017 में प्राप्त हुआ था, जिसकी प्रत्येक किस्त उनके द्वारा समय पर भुगतान किया गया है और आज यह ऋण समाप्त होने वाला है।
कभी वे स्वयं दूसरों के दुकानों में कार्य किया करते थे आज उनकी मेहनत का ही परिणाम है कि वे स्वयं लोगों को रोजगार प्रदान करने में सक्षम हो पाये हैं। श्री नेताम ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन एवं जिला प्रशासन से प्राप्त सहायता के लिए सभी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने आज के युवाओं से अपील की कि वह भी अपने आत्मनिर्भर बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं इसके लिए शासन प्रशासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर उनका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
ज्ञात हो कि केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा उद्यम या व्यावसाय स्थापित करने के इच्छुक बेरोजगार युवाओं को उद्योग एवं सेवा इकाई स्थापना हेतु 25 से 10 लाख रूपये तक की राशि बैंक ऋण की स्वीकृति पर 15 से 35 प्रतिशत का अनुदान योजनांतर्गत शासन द्वारा प्रदान किया जाता है ताकि प्रतिभावान एवं इच्छुक युवा स्वयं का रोजगार स्थापित कर अन्य लोगों के लिए भी रोजगार का सृजन कर सकें।