कोण्डागांव, 02 जुलाई 2021एक किसान के लिए अपने मेहनत से उगाई गयी फसल के नष्ट होने से बड़ी विपदा और कुछ नही होती और सर्व विदित है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दुष्प्रभाव से प्रत्येक सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए है। कृषि क्षेत्र भी इससे अछुता नही रहा है। इसके दुष्प्रभाव ने लाॅक डाउन के दौरान तो खेतों एवं बाड़ियों पर तैयार खड़ी फसल एवं सब्जियों पर ऐसी सेंध लगाई की ना तो कृषकों को मजदूर एवं परिवहन के साधन मिले ना ही खरीददार मिला और ना ही बाजार मिले परिणाम स्वरूप खेती बाड़ियों में ही शाक सब्जियों के तैयार फसल नष्ट होने के कगार पर पहुंच गयी और अंततः इसका मुल्य चुकाना पड़ा किसान को।
विकासखण्ड कोण्डागांव के मसोरा का कृषक अमरनाथ भी ऐसे ही भुक्तभोगी किसान रहे है। जिनकी मिर्ची की फसल महामारी के कठिन दौर में आकर नष्ट प्रायः हो गयी थी क्योंकिं फसल तैयार तो थी पर उपरोक्त कारणों के चलते कृषक अमरनाथ की मिर्ची की फसल खेत में ही सुख गये। फसल का नष्ट होना उक्त कृषक के लिए किसी आघात से कम नही था।
वरदान बन के आयी राजीव गांधी न्याय योजनाः-
ऐसी विकट परिस्थिति में राज्य शासन द्वारा संचालित राजीव गांधी न्याय योजना ने कृषक अमरनाथ को ऐसे आर्थिक संकट से उबरने में महत्वपूर्ण भुमिका निभायी और न्याय योजना के तहत् उसे 13 हजार 4 सौ 88 रूपयें की राशि प्राप्त हुए। इस राशि से उनके नुकसान की काफी हद तक भरपाई हुई और वे धान की खरीफ फसल हेतु खाद बीज उठाव करने में सक्षम हुए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में फसल उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 21 मई 2020 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूवात की गयी थी। इस योजना के तहत् खरीफ सीजन 2019-20 में पंजीकृत लगभग 19 लाख किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में 5628 करोड़ रूपये की आदान सहायता राशि दी गयी।
चार किस्तों में यहा राशि किसानों के बैंक खाते में शासन द्वारा अंतरित किया गया। इसके साथ ही योजना के तहत् यहा भी निर्णय लिया गया की इस वर्ष भी जिन किसानों ने समर्थन मुल्य पर धान का विक्रय किया था वे यदि धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान या अन्य फोर्टीफाइड धान की फसल उत्पादित करते है अथवा वृक्षा रोपण करते है तो उसे प्रति एकड़ 9 हजार रूपये के स्थान पर 10 हजार रूपये की इनपुट सब्सिडी दी जायेगी साथ ही वृक्षा रोपण करने वालो को 3 वर्षो तक यह अनुदान मिलेगा।
इस तरह राजीव गांधी न्याय योजना कृषक अमरनाथ जैसे हजारों किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है और प्रदेश के मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप कृषि में टिकाऊ विकास की अवधारणा को सार्थक किया है। जो किसान खेती किसानी को दिवालिया होने का जरिया मान बैठे थे परंतु न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन होने से उनमें कृषि के प्रति दुबारा उत्साह और विश्वास का संचार हुआ है और राजीव गांधी न्याय योजना ने अपने नाम के अनुरूप प्रदेश के किसानों के प्रति सच्चा न्याय किया है।