दंतेवाड़ा : जिला प्रशासन के अथक प्रयास से “देवगुड़ी“ को मिलेगी विश्व पटल पर अलग पहचान…

दंतेवाड़ा, 6 अक्टूबर 2020। जिला दन्तेवाड़ा में आस्था का केन्द्र माँ दन्तेश्वरी शक्ति पीठ है। जहां आस-पास के जिलो सहित अन्य राज्यों से भी सैलानी आकर माँ दन्तेश्वरी जी के दर्शन करते है। सैलानी दन्तेवाड़ा के पर्यटन स्थल के भ्रमण के दौरान माँ दन्तेश्वरी मंदिर, भैरव बाबा मंदिर, ढोलकल, बारसूर के बत्तीसा मंदिर मामा भांजा मंदिर, गणेश मंदिर की दर्शन करने के साथ-साथ मुचनार एवं सातधार के आलोकिक दृष्यों का लुफ्त उठाते है।

Advertisements

जिससे वे अंचल की खुबसूरती को और करीब से महसूस करते है। कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा इस कड़ी को को आगे बढ़ाते हुए 143 ग्राम पंचायतों में देवगुड़ी कायाकल्प कर उसे पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित करने एवं यहाँ की अमूल्य संस्कृति एवं धरोहर को संजोने का कार्य किया जा रहा है। जिससे दन्तेवाड़ा जिले के विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण एवं बोली-भाषा से यहाँ आने वाले सैलानी परिचित हो सकेंगे।

साथ ही उन्हें पहली बार एक ऐसा स्थान मिलेगा जहाँ आदिवासी अंचल के सभ्यता एवं संस्कृति जानने-पहचानने के साथ करीब से महसूस कर सकेंगे। सैलानियों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार स्वतः होगा, एवं इसे विश्व पटल पर अलग पहचान मिलेगी, जिससे आदिवासी संस्कृति और समृद्ध होगी।
जिला दन्तेवाड़ा विभिन्न आदिवासी संस्कृतियों को संजोय हुआ है, जहॉ माँ दन्तेश्वरी शक्तिपीठ को घर-घर पूजा जाता है, वही प्रत्येक गांवों में अपनी विशिष्ट देवी-देवता का पूजा-अर्चना करने का रिवाज है। उस स्थान को देवगुड़ी के नाम से जाना जाता है।

देवगुड़ी में गांव वालों की आस्था बसती है, गांव में कोई भी त्यौहार बिना देवगुड़ी के पूजा अर्चना किये बिना सम्पन्न नहीं होता है। गांव में अस्था के प्रतीक स्वरूप देवगुड़ी का संरक्षण एवं कायाकल्प करने का बीड़ा जिला प्रशासन ने उठाया है। जिला दन्तेवाड़ा के प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक देवगुड़ी का चिन्हांकन कर कायाकल्प किये जाने की कार्ययोजना है। जिसमें प्रत्येक देवगुड़ी हेतु अभिसरण के तहत् मनरेगा अनुमेय कार्य हेतु राशि- 6.51 लाख रूपये एवं डीएमएफ मद से राशि 1.00 लाख रूपये, कुल राशि- 7.51 लाख रूपये दिया जायेगा। इस प्रकार जिले मे कुल 143 देवगुड़ी हेतु 1073.93 लाख रूपयें की स्वीकृति प्रदान की गई है।

साथ ही स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से प्रत्येक देवगुड़ी स्थल में सैलानियों को सुव्यवस्थित प्रसाधन हेतु 2.20 लाख रूपये का शौचालय निर्माण मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अभिसरण से किया जा रहा है, जिसमें 1.80 लाख रूपये स्वच्छ भारत मिशन द्वारा एवं 0.40 लाख रूपये मनरेगा से प्रदाय किया जा रहा है। कुल 143 देवगुड़ी हेतु 314.60 लाख रूपये व्यय किया जा रहा है। इसके अलावा पेय जल एवं अनुसांगिक कार्य हेतु पंचायत द्वारा 14वें वित्त एवं 15वें वित्त की राशि का व्यय किया जा रहा है।


जिसमें मुख्यतः देवगुड़ी का जीर्णोद्वार कार्य, देवगुड़ी परिसर में फलदार, छायादार, वृक्षारोपण कार्य, श्रदालुओं हेतु पेय जल व्यवस्था देवगुड़ी हेतु शेड निर्माण कार्य जिसमें ग्रामीणजन द्वारा सुव्यवस्थित बैठकर अनुष्ठान एवं पुजा अर्चना किया जा सकें, नियत स्थान पर प्रसाधन हेतु शौचालय निर्माण कार्य एवं देवगुड़ी परिसर को चैयन लिंक मेस तार फैंसिंग कार्य कराये जाने है।

देवगुड़ी कायाकल्प कार्य निर्माण कार्य ही नहीं अपितु यह ग्रामवासियों के सामाजिक, व्यवहारिक जीवन शैली में भी अप्रितम परिर्वतन लायेगा। देवगुड़ी कायाकल्प कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी ग्रामवासी ”किरिया“ लेंगे। कि उनके ग्राम पंचायत में 07 बिन्दुओं का सूचकांक- एम.एच.एम., ओडीएफ, कुपोषण मुक्त, मलेरिया मुक्त, 100 प्रतिशत स्कूल बच्चों का नामांकन, 100 प्रातिशत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे 07 बिन्दुओं प्रदर्शन के आधार पर श्रेणी तैयार किया जाता है।

श्रेणी में प्रथम स्थान 100-91 अंक के बीच हरा रंग, द्वितीय स्थान में 90-75 अंक के बीच पीला रंग तथा तृतीय स्थान पर 75 अंक से नीचे प्रदर्शन रहने पर सफेद रंग से चिन्हांकित किया जायेंगा। उपरोक्त सूचकांको में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पंचायतों में विकास कार्य ज्यादा स्वीकृत किये जायेंगे। जिससे कम श्रेणी प्राप्त करने वाले पंचायत भी उक्त सूचकांको में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। इस प्रकार ग्राम पंचायतों में ही आपस में प्रतिद्वन्द स्थापित होगा। जिससे इन सूचकांको में हमारा जिला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। और इस प्रकार हमारा जिला स्वच्छ, स्वस्थ समृद्धशाली बन सकेगा।