
रायपुर। आईबी ग्रुप द्वारा रायपुर के होटल ओमाया गार्डन में पोल्ट्री कॉन्क्लेव का पहला दिन पोल्ट्री ट्रेडर्स के लिए रहा जिसमें तकरीबन 3000 पोल्ट्री ट्रेडर्स उपस्थित रहे ट्रेडर्स को पहले दिन आधुनिक तरीके से पोल्ट्री व्यवसाय और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
समारोह में आईबी ग्रुप की डायरेक्टर जोया आफरीन आलम भी उपस्थित रहे। पोल्ट्री ट्रेडर्स को संबोधित करते हुए पोल्ट्री में टेक्नोलॉजी लाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि वैश्विक स्तर पर काम करने के लिए हमें एडवांस पोल्ट्री को अपनाना ही होगा।

आई बी ग्रुप की डायरेक्टर जोया आफरीन आलम ने आयोजन को संबोधित करते हुए सभी का स्वागत करते हुए कहा कि मैं दो दिन से सोच रही थी मुझे क्या बोलना है और मैं यह पेपर में लिख तो रही थी लेकिन पेपर फोल्डेड है क्योंकि मुझे लगता नहीं जो मैं लिखकर आई हूं मैं बोलूंगी नहीं क्योंकि मैं अभी यहां पर जो जोश देखा जो सुना है कल रात का और जो इंस्पिरेशन स्टोरी सुनी है कि लोग किस तरीके से देख के आगे बढ़ते हैं तो इंस्पायरिंग जर्नी मैं यह बोलना चाहूंगी कि इन 40 सालों की जो स्टोरी है।
हम नेक्स्ट जेनरेशन ने कैसे देखी है उन्होंने अपनी बचपन की यादें ताजा करती हुए कहा कि मैं और मेरे भाई यहां पर है मैं सोचती हूं हमारी शुरुआत हम सब बच्चे थे तो हम स्कूल जाते थे रिक्शा में जाते थे रिक्शा में भी वह वाली गाड़ी होती है एक क्वेश्चन वाली सीट होती है और एक वह क्या बोलते हैं उसकी लकड़ी वाली सीट पर बैठकर हम जाते थे क्योंकि हमें सबसे आखरी में पिकअप किया जाता था हमारी भी शुरुआत वहां से हुई है उसके बाद स्कूटर का जमाना था जब हम मम्मी, पापा, भाई और बीच में मैं सामने भाई खड़े होते थे, पापा , बीच में मैं पीछे मम्मी तो ऐसे हम स्टेशनरी खरीदने जाते थे और मनसुख लाल राइचा अंकल की दुकान में जाते थे तो हमने यह सारी चीज देखी है और वैल्यू करते हैं।
यहां आप सब इतने सालों से जो जुड़े हैं यह सब उसी का ही नतीजा है और उनके विजन का नतीजा है मैं एक बार आप सभी का धन्यवाद करती हूं यह एक लंबी कहानी के लिए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत जो आज से 20 साल की कहानी है लेकिन अगर मैं बोलूं तो पिछले 25 या 50 साल में इंडिया कहां था हम कहां थे अगर 1980 की बात करो तो मुझे नहीं लगता इंटरनेट का जमाना था जब हम हुए ही नहीं थे उस टाइम पर न इंटरनेट था
1990 इसमें लिबरलाइजेशन हुआ इकोनॉमिक्स खुली तब इंडिया की ग्रोथ स्टोरी चालू हुई उस जमाने में ना ही इंटरनेट था ना मोबाइल फोन थे ना हाईवे से ना प्रॉपर ट्रांसपोर्ट सिस्टम था ना कुछ था आज का जमाना 2025 में आपके पास क्या नहीं है आज आप बोले तो आपके फिंगर टिप्स में सब कुछ है पूरे दुनिया आपसे कनेक्ट है आज अगर हम बात करें कि उस जमाने में दूरदर्शन हुआ करता था एसटीडी पीसीओ हुआ करता था चित्रहार चैनल हुआ करता था और आज ये सब नहीं है क्यों नहीं है क्योंकि कंट्रीज इवॉल्व हो गए हैं इकोनामी इवॉल्व हो गई है और इंडिविजुअल आगे बहुत आगे बढ़ चुके हैं यह बहुत ज्यादा की स्टोरी नहीं है यह पिछले 30 साल 20 साल और पिछले 10 साल की स्टोरी है । 5G का जमाना है आज AI का जमाना है। जैसे नीरज जी ने मेरे टॉपिक पर बात कर ली कि हम कहां थे
हम कहां हैं और हम कहां जाएंगे तो नीरज जी मैं भी वही टॉपिक पर बात करूंगी तो हम कहां थे तो हम उसे एरा के हैं जहां पर टेक्नोलॉजी का टी नहीं था तो इस एरा में है जहां पर विदाउट आप अपना फोन थोड़े दिन बाहर रख दीजिए आपको अधूरा लगेगा आपको लगेगा हम एक्जिस्ट नहीं करते डिस्कनेक्ट हो गए तो आज के जमाने में टेक्नोलॉजी के बगैर हम अधूरे हैं और यही टेक्नोलॉजी है जो हमें एक नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाएगी काम करने का तरीका बदलना है और सोच बदलना है क्योंकि जो आज इंडिया है वह कल का इंडिया बिल्कुल भी नहीं है जो आज हम हैं वह कल हम वैसे अगर काम करेंगे तो हम आउटडेटेड हो जाएंगे। कुछ कंपनी है जो मैं नाम लूं या न लूं आपको पता है टेक्नोलॉजी के जमाने में जो अपग्रेड नहीं हुई फॉर एग्जांपल नोकिया तो क्या हुआ आउट हो गई ऐसी बहुत सारी कंपनी है लोग हैं जो टाइम के साथ या टाइम के आगे जो एमडी सर कहते हैं
नहीं सोच तो पीछे रह जाएंगे क्योंकि रेस अब धीरे चलने वाली नहीं है बहुत फास्ट स्पेस में चीज बदल रही है स्पेशली अगर मैं अपना एक्सपीरियंस बोलूं तो कोविड के बाद देयर हस बीन ए रैपिड चेंज इन द वे थिंग्स अर इवॉल्विंग अगर मैं बोलूं तो पहले की अगर हम बात करें कंज्यूमर बिहेवियर की बात करें तो पहले जमाने में छोटी-छोटी किराना दुकान होती थी जहां पर हम जाते थे और सामान खरीदते थे एक पर्सनल टच होता था उसे जमाने की बात है आज के जमाने में कितने लोग किराना दुकान है कितनों की वाइफ किराना दुकान या कितनों के बच्चे किराना दुकान जाने के लिए रेडी है बहुत कम क्योंकि हर चीज आपके मोबाइल पर है हर चीज आपके फिंगर टिप्स पर है।
आज की जनरेशन के साथ यह बदलती सोच के साथ यह बदलते इंडिया के साथ हमें आईबी ग्रुप को भी आगे लेकर जाना है।
और आप सब जो यहां बैठे हैं यह हमसे मैं कल देखा कुछ लोग 40 साल से जुड़े हुए हैं कुछ 30 साल से जुड़े हैं कुछ 30 मतलब there has been a Long संगठन IB आज की डेट में द लार्जेस्ट इंटीग्रेटेड कंपनी है और आप लोगों के साथ ही यह इतना बड़ा डिसटीब्यूशन चैनल बना पाया है। की डेट में द लार्जेस्ट इंटीग्रेटेड कंपनी है और आप लोगों के साथ ही यह इतना बड़ा डिसटीब्यूशन चैनल बना पाया है
आगे का फ्यूचर क्या है क्या हम यह डिसटीब्यूशन चैनल इसी तरीके से आगे ले जाएंगे एक चीज और इससे पहले मैं आपको बताऊं पोल्ट्री सेक्टर हमें सब पता है कि सब सुबह होती है मुर्गी का रेट डिक्लेअर होता है लेकिन स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग होती है दिस इस बिकम अ नॉर्मल रूटीन फॉर एवरीबॉडी लेकिन पोल्ट्री सेक्टर अगर पिछले 50 साल या पिछले 25 साल अगर मैं देखूं गवर्नमेंट डाटा बोलता है यह मैं अपने नंबर्स नहीं बोल रही हूं एनिमल हसबेंडरी का डाटा बोलता है
पोल्ट्री सेक्टर हस रजिस्टर्ड थे हाईएस्ट ग्रोथ 23 टाइम्स जो सबसे ज्यादा हाई है अगर आप बात करें फिशरीज की या आप मिल्क इंडस्ट्री की या पल्सेस की जिससे भी कंपेयर करें पोल्ट्री हस रजिस्टर्ड हाईएस्ट ग्रोथ उस जमाने में जब कुछ भी नहीं था पिछले 50 सालों का ट्रेड चाहिए तो आने वाले टाइम पर इतनी सारी सुविधाएं होने के बाद पोल्ट्री कि क्या शेप लेगा कितना आगे बढ़ सकता है यह हम सबको सोचना है करेक्ट तो अब इसी सोच के साथ आपको आगे का प्लान बताती हूं कि पोल्ट्री जिस तरीके से आज हो रही है इसका फ्यूचर यह है प्रोसेसिंग प्रोसेसिंग इसलिए है क्योंकि आज अगर हम देखे तो हर चीज पैक फॉर्मेट में नीट एंड क्लिन और आपके घर तक मिलती है पोल्ट्री का भी फ्यूचर यही है।
सबको पता है गोइंग फॉरवर्ड यही ब्रांडेड पैक प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूटर्स डीलर्स आप सब बन सकते हैं और इसी फॉर्मेट में हम बात कर रहे हैं इस साल IB ग्रुप 20 सिटीज में स ए कंज्यूमर ब्रांड विल एंटर ऑल योर सपोर्ट की ऑल योर हेल्प और आप लोगों का इसी तरीके से आगे बने रहे हमारा संगठन और लुक फॉरवार्ड फॉर मच मोर थैंक यू एवरीबॉडी आप सबका एक बार और थैंक यू वेरी मच थैंक यू टू द टीम तो एवरीबॉडी थैंक ।