पोषाण आहार खाकर सुपोषित हो रहे बच्चे

बच्चों के आहार के साथ ही घर वालों को भी बच्चों के आहार के संबंध में कर रहे काउंसिलिंग

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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हर आंगनबाड़ी में कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर इनके पोषण पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसमें यह विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि बच्चे पौष्टिक आहार समय पर लें। साथ ही इसके लिए अभिभावकों की भी विशेष रूप से काउंसिलिंग की जा रही है। परियोजना अधिकारी श्री जेके साव ने बताया कि इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट के माध्यम से विशेष प्रयास किया जा रहा है। श्री साव ने इसका उदाहरण देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अन्तर्गत परिक्षेत्र सिकोला के ग्राम तुलसी के आंगनबाड़ी केन्द्र तुलसी 03 में दर्ज निशा नामक बच्ची दर्ज है। निशा की माता का नाम कुंती एवं पिता का नाम संतोष है। जिसकी जन्मतिथि 26 सितंबर 2015 है। यह बच्ची मध्यम कुपोषित की अवस्था में योजना अन्तर्गत पंजीकृत की गई। सितंबर माह में निशा का वजन 12.09 एवं उंचाई 99 से.मी. था। यह बच्ची नियमित रूप से आंगनबाड़ी आती है, केन्द्र में दिए जाने वाले पोषण आहार का नाश्ता, गर्म भोजन का सेवन लगातार कर रही है तथा साथ में अतिरिक्त रूप से दिए जाने वाले मूंगफली, सोया चिक्की, फल का भी लाभ ले रही है। समय-समय पर कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण देकर पालकों को समझाईश दी जा रही है। श्री साव ने बताया कि पालक बैठक चर्चा में निशा के पालकों से चर्चा की गई तथा बाहर के आहार को बंद कर घर का बना पौष्टिक खाना खिलाने संबंधी सलाह दी जाती रही। कुपोषित बच्ची को नियमित फल, सब्जी तथा दूध, रेडी टू फूड से बने व्यंजन खिलाने संबंधी प्रदर्शन पालकों को बताया गया। जिससे पालकों में व्यवहार परिवर्तन होने लगा। बच्ची ने घर पर शाम का खाना भी शुरू किया फलस्वरूप बच्ची की सेहत में सुधार आया। कार्यकर्ता एवं मेरे द्वारा पौष्टिक लडडू का सेवन भी बच्ची ने नियमित रूप से किया फलतः वजन जनवरी माह में 13.450 कि.ग्रा. हो गया और निशा वर्तमान में सामान्य श्रेणी में आ गई है।