बिलासपुर : नकली रेल नीर बिकने का शक रेलवे स्टेशन के कमसम में विजिलेंस का छापा, एक के बाद एक कर सभी कर्मचारियों से पूछताछ…

बिलासपुर : रेलवे स्टेशन में बुधवार को दोपहर के साढ़े 12 बजे। विजिलेंस की टीम एकाएक कमसम में पहुंची। रेल नीर के पानी की बोतल उठाई और लगे जांचने। उन्हें यह संदेह है कि कहीं स्टेशन और दूसरी जगह नकली रेल नीर का उत्पाद को नहीं बिक रहा। वजह यह है कि कुछ दिन पहले रेल नीर प्लांट से बिना रेलवे के होलोग्राम वाले पानी बोतल की सप्लाई हो गई थी। और किसी को पता भी नहीं था। इसलिए यह जांच शुरू हुई है।

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विजिलेंस ने कॉन्फ्रेंस हाल में कमसम के कर्मचारियों के अलावा मैनेजर से पूछताछ की। टीम घंटे भर सभी से अलग-अलग पूछताछ करती रही। यहां निकलकर टीम के सदस्यों ने रेल नीर के बोतल से पानी निकालकर इसकी जांच की। नमूने भी उठाए। विजिलेंस के प्रभारी डीके सिंह ने कहा कि रेल नीर के उत्पाद में मिलावट या किसी अन्य तरह के पानी की सप्लाई होने को लेकर ही जांच चल रही है। वे इसकी रिपोर्ट तैयार कराएंगे, जिसके बाद ही इस मामले में कुछ बता पाने की स्थिति तक पहुंची जाएगी।

विजिलेंस की टीम ने सबसे पहले कमसम के मैनेजर राकेश कुमार को कॉन्फ्रेंस हॉल में बुलाया। उनसे 15 मिनट हुई बातचीत के बाद काउंटर में बैठने वाले कर्मचारी को बुलाया गया। थोड़ी देर बाद विजिलेंस के प्रभारी अधिकारी के अलावा अन्य सदस्य कमसम के फूज जोन में आ गए।

यहां टेबल पर रेल नीर को रखकर उसके ब्रांड और पानी की सैंपलिंग ली गई। टीम के सदस्य खुद ही पानी जांचने की मशीन लेकर आए थे, जिससे उन्होंने नमूने लिए और मौैके पर टीडीएस के अलावा अन्य बातों की जांच की गई। दैनिक भास्कर के सवाल पर विजिलेंस के प्रभारी डीके सिंह ने बताया कि विजिलेंस को रेल नीर के उत्पाद और इसकी बिक्री में गड़बड़ी का शक है, जिसकी जांच जारी है। इसके लिए सिरगिट्टी से रेल नीर प्लांट के संचालक को बुलवाया जाएगा। कुछ कडिय़ां जोड़ी जाएंगी। रिपोर्ट तैयार होगी। फिर वे मामले में कुछ कह पाएंगे। मामले में रेल नीर प्लांट के मैनेजर मुनीकार्तिक काे कॉल किया गया।

वहां से जवाब मिला कि जिस दिन यानी 19 फरवरी को बिना हॉलमार्क वाले पानी के बोतल की सप्लाई स्टेशन में हुई थी उस दिन सर छुट्टी पर थे। अभी वे मीटिंग में है। बाद में बात करेंगे।

बिना हालमार्क के कर दी गई पानी की सप्लाई
बिलासपुर से बिना हालमार्क के रेल नीर पानी बोतल की सप्लाई बिलासपुर, रायपुर व भुवनेश्वर(ओडिशा) में कर दी गई है। जबकि आईआरसीटीसी ने डुप्लीकेट रेल नीर की बोतल की सप्लाई का खतरा महसूस कर हालमार्क की व्यवस्था लागू की थी।

अभी कई ट्रेनें चल रही हैं। इसके कारण प्लांट में उत्पादन बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल के पहले प्लांट से प्रतिदिन 45 हजार बोतल रेल नीर का उत्पादन होता था।

हालमार्क लगने के बाद ही उन्हें स्टेशनों तक पहुंचाया जाता था। वर्तमान में उत्पादन घट गया है। इसके बाद भी बिना हालमार्क के सप्लाई हो रही है। आईआरसीटीसी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। एरिया मैनेजर जेरॉल्ड के नाक के नीचे यह गड़बड़ी जारी है।

SOURCE .bhaskar.com