राजनांदगांव- शहर में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी सुनिश्चित कराने के लिए नगर निगम द्वारा एसएलआरएम सेंटरों को जिम्मेदारी सौंप दी गयी है. प्रतिदिन हजारों किलों गोबर की खरीदी करायी जा रही है. गोबर खरीदी के लिए मोहारा स्थित एसएलआरएम सेंटर को भी केन्द्र बना दिया गया है. जहां पर हितग्राही गोबर बेच रहे हैं गोधन न्याय योजना के तहत नांदगांव शहर में बड़े पैमाने पर गोबर की खरीदी करायी जा रही है.
निगम अधिकारियों की माने तो नांदगांव शहर में गोबर की खरीदी सुनिश्चित कराने के लिए 16 एसएलआरएम सेंटर चिन्हाकिंत किये गये है. जहां पर प्रतिदिन बड़े पैमाने पर गोबर खरीदा जा रहा है. गोबर का खाद बनाने के लिए. नांदगांव शहर में रेवाडीह,मोहारा, नवांगांव, लखोली आदिस्थानों पर एसएलआरएम सेंटर केन्द्र बनाये गये है. जहां पर आधुनिक पद्धति से गोबर खाद बनाया जा रहा है, निगम अधिकारियों का यह भी कहना है कि गोबर खाद का निर्माण कराने के बाद उसका उपयोग भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.
एक टन गोबर की तैयार की गयी लकड़ी
गोधन न्याय योजना के तहत नांदगांव शहर में गोबर खाद बनाने के लिए चार केन्द्र बनाये गये है. जहां पर प्रतिदिन गोबर को संरक्षित करने के बाद उसका आधुनिक पद्धति से गोबर खाद बनाया जारहाहै. निगम आधिकारियों की माने तो 100 क्विंटल गोबर की लकड़ी बनायी जाचुकी. जिसमें से 75 क्विंटल गोबरलकड़ी का उपयोग कोविड-19
संक्रमण से मृत व्यक्तियों का दाहसंस्कार भी किया गया है.
दो टन गोबर की लकड़ी तैयार की जा रही है
निगम अधिकारियों की माने तो एसएलआरणएम सेंटर केन्द्रों में अभी भी 200 क्विंटल गोबर की लकड़ी तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. जिसका उपयोग भी किया जायेगा. खाद भी लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
आधुनिक तरीके से बन रही खाद- जोशी
कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी का कहना है कि नांदगांव शहर में गोधन न्याय योजन के तहत गोबर की खरीदी सुनिश्चित करायी जा रही है. बाद में गोबर से एसएलआरएम सेंटर केन्द्रों में आधुनिक पद्धति से खाद तथा गोबर लकड़ी का निर्माण किया जा रहा है.