राजनांदगांव : उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप युवाओं के कौशल को बढ़ाने की जरूरत – कलेक्टर…

– युवाओं के प्लेसमेंट के लिए रोजगार कार्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई एवं स्नातक कॉलेजों के साथ उद्योगों का होना चाहिए समन्वय 
– रूरल इंडस्ट्रियल पार्क गौठानों में स्वसहायता समूह के साथ मिलकर रिपा प्रोजेक्ट के अंतर्गत लघु उद्योग यूनिट स्थापित करने के लिए निवेश करें उद्योग

Advertisements

राजनांदगांव 29 अप्रैल 2022। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आकांक्षी जिला अंतर्गत उद्यमिता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में उद्योग संघों, उद्योगों एवं प्रशिक्षण संस्थाओं की बैठक ली। कलेक्टर सिन्हा ने कहा अप्रेंटिसशिप योजना के तहत औद्योगिक संघ का पंंजीयन किया गया है और नियम के अनुसार उद्योगों में स्थानीय युवाओं को भागीदारी बढ़ाने के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अप्रेंटिसशिप पोर्टल में जिले के 851 युवा पंजीकृत है। जिन्होंने इलेक्ट्रिशियन, कोपा, मैकेनिक डीजल, वेल्डर, फिटर, इंस्ट्रुमेंट मैकेनिक जैसे कोर्स में पढ़ाई की है।

उन्होंने सभी उद्योगों के संचालकों से कहा कि अपने उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप कुशल एवं प्रशिक्षत युवाओं के संबंध में कौशल विकास कार्यालय में जानकारी दें, ताकि उसके अनुसार समन्वय कर युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के प्लेसमेंट के लिए रोजगार कार्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई एवं स्नातक कॉलेजों के साथ उद्योगों का समन्वय होना चाहिए तथा रोजगार कार्यालय में उद्योगों का पंजीयन होना चाहिए। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के तहत प्रशिक्षण अवधि के अंत में प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। अप्रेंटिसशिप करने के बाद युवाओं को अनुभव मिलेगा और रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।  उन्होंने कहा कि उद्योग में युवाओं को कार्य करने के लिए अध्ययन के साथ ही व्यवहारिक अनुभव की भी आवश्यकता है।

कलेक्टर सिन्हा ने कहा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उद्योगों द्वारा गौठानों में स्वसहायता समूह के साथ मिलकर रिपा प्रोजेक्ट के अंतर्गत लघु उद्योग यूनिट स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत राजनांदगांव जिले के विकासखंडों में लघु उद्योग यूनिट स्थापित करने पर 35 प्रतिशत सब्सिडी तथा मोहला एवं मानपुर क्षेत्रों में लघु उद्योग यूनिट स्थापित करने पर 45 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। कौशल विकास द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही गौठानों में प्रोजेक्ट के लिए स्थान दिया जाएगा। पोहा, चावल के उत्पाद तथा टोमेटो सॉस, केचप जैसे उत्पाद भी समूह की महिलाएं बना सकती हैं।

उन्होंने रोजगार मेले का आयोजन करने के निर्देश दिए तथा औद्योगिक संचालकों की मांग के अनुसार युवाओं के प्लेसमेंट के लिए कहा। इस अवसर पर उद्योग के संचालकों तथा प्रशिक्षण संस्थाओं ने विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा की।

प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग एसके सिंह ने उद्योग के संचालकों से कहा कि गौठान में निवेश करें तथा स्वसहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाए। छोटे स्तर पर भी पापड़, बड़ी, अचार जैसे कार्य महिलाएं कर रही हैं वहीं बड़े पैमाने पर फुडबेस इंडस्ट्री में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए उद्योग विभाग द्वारा सब्सिडी और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाएंगे।  इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पाण्डेय, उद्योग संघ, उद्योग संचालक एवं प्रशिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।