7 जुलाई से 16 जुलाई तक कुपोषण दूर करने मनाया जाएगा वजन त्यौहार
कलेक्टर ने वजन त्यौहार आयोजन के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की ली बैठक
राजनांदगांव कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 7 जुलाई से 16 जुलाई तक वजन त्यौहार आयोजन के संबंध में कार्ययोजना तैयार करने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि 7 जुलाई से 16 जुलाई तक वजन त्यौहार अभियान के रूप में चलाया जाए। इसमें कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक माताओं का चिन्हांकन कर शत प्रतिशत कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य पूरा करें। कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उसे दूर करने के लिए पर्याप्त पोषण एवं परिवार के सदस्यों को जागरूक करें।
कुपोषण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पौष्टिक खाना, दवाईयां और व्यवहार में परिवर्तन से ही कुपोषण को दूर किया जा सकता है। वजन त्यौहार को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों की सजावट करें। मितानीन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घरों में संपर्क कर इसके लिए प्रेरित करें। बच्चों को दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खिलाएं, आसपास साफ-सफाई रखें और खाने से पहले हाथ धोने जैसी आदतों से अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके प्रचार-प्रसार के लिए वॉल राईटिंग, सोशल मीडिया, व्हाट्सअप गु्रप, फेसबुक के माध्यम से जानकारी साझा करें। इसमें समाज के व्यक्तियों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेडी-टू-ईट जिन समूहों द्वारा बनाएं जाते हैं गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्र में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर बच्चों को खिलाएं।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन के लिए कलस्टर तैयार करें। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, ग्राम सचिव को शामिल करें। बीएमओ इस कार्य में सहयोग करें।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानीन को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव होना चाहिए। प्रसव के पहले और प्रसव के बाद माताएं स्वास्थ्य केन्द्र में रहे जिससे बच्चों को सही समय पर टीका लगे और कुपोषण तथा अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाओं की कांउसिलिंग के लिए शिविर लगाएं और बच्चों के कुपोषण दूर करने के प्रति जागरूक करें। सीडीपीओ सप्ताह में एक बार बीएमओ से समन्वय कर कुपोषित बच्चों की सूची उपलब्ध कराएं। जनौषधि केन्द्र से ही दवाईयां क्रय किया जाए। वजन त्यौहार के पहले सभी सीडीपीओ आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां मशीन, साफ-सफाई तथा दवाईयां की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि कुपोषण गर्भवती माताओं से बच्चों में आता है। इसलिए माताओं की सही देखभाल करना और पौष्टिक भोजन देना आवश्यक है। गर्भवती होने का पता चलते ही तीन माह के भीतर पंजीयन जरूर कराएं। इसके बाद आवश्यक टीका और दवाईयां उपलब्ध कराएं। बच्चों को 6 माह तक केवल मां का दूध पिलाएं। बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीमारियों का त्वरित उपचार करने से बीमारी जल्द ही दूर होगा। इसके लिए बच्चों पर ध्यान देना जरूरी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि 7 से 16 जुलाई तक वजन त्यौहार मनाया जाएगा। इस दौरान शून्य से 5 वर्ष तक बच्चों का वजन कर पोषण स्तर ज्ञात किया जाएगा। इस अभियान में 11 से 18 वर्ष की बालिकाओं का होमोग्लोबिन टेस्ट भी किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य कुपोषण को दूर करना और इसके प्रति लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक केन्द्र में ग्राम पंचायतवार कुपोषण का आंकलन कर इसे दूर करने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए 589 कलस्टर बनाएं गए हैं जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, सचिव, शिक्षक को शामिल किया गया है। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम उपस्थित थी।