
राजनांदगांव – भव्य पारंपरिक रथ में विराजमान होकर बाजे गाजे के साथ भक्तो को दर्शन देने निकले भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा, जिले में धूमधाम से निकाला गया भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा।
भगवान जगन्नााथ की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को धूमधाम से निकाली गई। पारंपरिक भव्य रथ में भगवान जगन्नााथ अपने बड़े भाई बलभद्र जी एवम बहन सुभद्रा के साथ विराजमान होकर अपने मंदिर से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए शहर के प्रतिष्ठित मार्गो और चौक चराहों से होते हुए गुजर कर अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस वर्ष एक जुलाई को नगर के गांधी चौक स्थित प्राचीन श्री जगन्नााथ मंदिर से भव्य रथयात्रा निकाली गई।
जिसकी व्यापक तैयारियां जोर शोर से किया गया था।जगन्नााथ मंदिर के प्रमुख एवम रथयात्रा आयोजन समिति के प्रमुख महेश शर्मा ने बताया कि संस्कारधानी नगरी में पिछले आठ दशक से भगवान जगन्नााथ जी की रथयात्रा धूमधाम से निकाली जा रही है। इस आयोजन को भव्यता प्रदान करने अनेक धर्म प्रेमी भक्त दिनरात जुटे हुए थे। पारंपरिक रथ को गांधी चौक स्थित मंदिर के समक्ष भव्यता प्रदान करते हुए सजाया गया था।
आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को सुबह भगवान का विशेष पूजन इत्यादि किया गया था। दोपहर एक बजे विधि विधान से महाआरती के पश्चात दो बजे भगवान जगन्नााथ, बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ सुदर्शन चक्र को मंदिर से निकालकर भव्य रथ में विराजमान किया गया। आरती पश्चात भक्तों द्वारा अपने प्रभु के रथ की रस्सी को अपने हाथों से खींचकर नगर के विभिन्ना मार्गो से नगर भ्रमण कराया गया।
भजन सत्संग करते हुए गाजे बाजे के साथ जय घोष की गूंज के साथ रथयात्रा प्रमुख मार्गो से होते हुए जुनी हटरी स्थित रामजानकी मंदिर पहुंचा, जहां प्रभु का सनातन संस्कृति के अनुसार पारंपरिक स्वागत किया गया। इसी मंदिर में भगवान जगन्नााथ अपने भाई एवं बहन के साथ आषाढ़ शुक्ल एकादशी तक विराजेंगे। रामजानकी मंदिर के द्वार पर 10 दिनों तक रथ खड़ा रहेगा, जिसके बाद आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान जगन्नााथ, बड़े भाई बलभद्र एवम बहन सुभद्रा के साथ रथ में विराजमान होकर आएंगे।